FARMERS PROTEST—-इस बात को लेकर किसान-मंत्रियों के बीच फंसा पेंच…………जघन्य अपराध की श्रेणी में यह केस

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।

शंभू तथा खनौरी बार्डर पर अब तक किसान आंदोलन चल रहा है। इस बीच खबर आई है कि किसान तथा मंत्रियों के बीच एक केस को लेकर पेंच फंस चुका है। केस पिछले आंदोलन दौरान लाल-किला में झंडा फहराने से जुड़ा है। एक शीर्ष अधिकारी के मुताबिक, सरकार ने इस केस को जघन्य अपराधी माना है तथा जितने किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। उन पर केस वापस लेने से सरकार ने साफ मना कर दिया। क्योंकि, सरकार पर किसान बातचीत दौरान सभी केस रद्द करने का दबाव बना रहे है। 23 फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने की मांग के उपरांत किसानों का यह मुद्दा भी खास माना जा रहा है। 

कई दौर की किसान तथा सरकार के बीच बातचीत चंडीगढ़ में हो चुकी है। सरकार किसानों की कई मांगों को मानने पर सहमत भी हो चुकी है। लेकिन, किसान एमएसपी के अलावा पिछले किसान आंदोलन दौरान 26 जनवरी को लाल किला में केसरिया झंडा फहराने को लेकर उन पर दर्ज किए मामले को रद्द करने पर अड़ गए। उनके मुताबिक, किसानों ने कोई जघन्य अपराध नहीं किया। जबकि, सरकार के मुताबिक, यह एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है। वह इस बात को मानने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है। उधर किसान नेताओं ने कहा कि पहली बात को हमें इस बात का बिल्कुल पता नहीं है। हम तो पूरे देश के किसानों पर दर्ज मामले रद्द करने के लिए बोल रहे हैं। 

ऐसे बोल कर किसानों को लाया गया आंदोलन में 

बड़ी हैरान करने वाली बात सामने आई है कि किसानों को किसान नेता यह बोल कर लेकर आए कि उनका कर्ज माफ करने के लिए धरना दिया जा रहा है। इस बात की पुष्टि खुफिया विभाग के एक अधिकारी ने दी। उन्होंने बताया कि कर्ज माफी का छोटे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा। क्योंकि, रिपोर्ट के मुताबिक, जितने छोटे किसान है, वे सब ने आढ़तियों से कर्ज ले रखा है। इसकी पूरी सूची भी नहीं है। जबकि, कर्ज तो बड़े किसानों का बैंक में चल रहे है। 

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