वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने जनहित याचिका दाखिल की। इसमें प्रदर्शनकारी किसानों के जीवन और संपत्तियों को हुए नुकसान का आकलन करने के लिए न्यायिक जांच की मांग की है। याचिका में कहा गया कि निहत्थे किसानों पर सेना स्तर के हथियारों का इस्तेमाल किया गया था।बलबीर सिंह राजेवाल ने जनहित याचिका में बताया कि हरियाणा सरकार के आदेश पर हरियाणा पुलिस व सीआरपीएफ पंजाब के क्षेत्र में प्रवेश कर प्रदर्शनकारी किसानों पर हिंसक कार्रवाई की गई थी। इसमें कई किसानों की जान चली गई थी और 250 से अधिक किसान घायल हो गए। पैलेट गन के इस्तेमाल के कारण अधिकांश ने अपनी दृष्टि और अंग खो दिए। इसके साथ ही अंधाधुंध गोलीबारी के कारण किसानों की संपत्ति जैसे ट्रैक्टर ट्रॉली, कार, मोटरसाइकिल और अन्य मोटर वाहनों को नुकसान हुआ।
याचिका में कहा गया कि हरियाणा की ओर से की गई हिंसक कार्रवाई पर पंजाब सरकार व पंजाब पुलिस भी मौन रही। किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे , इन निहत्थे किसानों पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। ऐसे में हरियाणा पुलिस द्वारा किए गए अवैध कार्यों की जिम्मेदारी तय करने के लिए उच्च न्यायालय के मौजूदा या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक स्वतंत्र आयोग गठित करने का निर्देश जारी करने की अपील की गई है।