वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
किसान आंदोलन का मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पहुंच चुका है। मंगलवार को सुनवाई दौरान अदालत ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत किसानों को दिल्ली तक ट्रेक्टर-ट्राली से जाने के लिए साफ मना कर दिया। अदालत ने साफ तौर पर कहा कि किसान बस तथा अन्य साधन के माध्यम से भी दिल्ली जा सकते है। उधर, अदालत ने सीमा सील करने की याचिका को रद्द कर दिया। केस की सुनवाई अगले हफ्ते तक टालते हुए केंद्र से नया एफिडेविट देने को कहा है। यह सुनवाई हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस जीएस संधवालिया और न्यायमूर्ति लपीता बनर्जी की बेंच में हुई।
केंद्र सरकार ने नवीनतम घटनाक्रम और किसानों के साथ बैठक के दौरान क्या हुआ, इस पर स्थिति रिपोर्ट सौंपी। जिसके बाद ACJ ने मामले को अगले सप्ताह सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार से इस मामले में हुई प्रगति को लेकर नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है।
हरियाणा सरकार पर उठे थे सवाल
पिछली सुनवाई में हरियाणा सरकार के वकील ने कहा था कि किसान चुने हुए स्थानों पर प्रदर्शन के लिए दिल्ली सरकार से अनुमति ले सकते थे। जिस पर हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस ने हरियाणा सरकार से सख्त सवाल पूछते हुए कहा था कि वे केवल उनके राज्य से गुजर रहे हैं। उन्हें आने-जाने का अधिकार है। सीमाएं बंद कर दी गईं, आप परेशान क्यों हैं।
अदालत की टिप्पणी
कोर्ट ने कहा था कि ये कहना बहुत आसान है, उनके (किसानों) के पास अधिकार है, लेकिन सड़कों पर लोगों की सुरक्षा के लिए राज्य को भी कदम उठाना होगा। उनके भी अधिकार हैं। मौलिक अधिकारों में संतुलन होना चाहिए। कोई भी अधिकार अलग नहीं है। सावधानी और एहतियात को ध्यान में रखना चाहिए। मुद्दे को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल किया जाना चाहिए।