HIGH-COURT-STRICT–हाथों में तलवारें लेकर कैसा शांतिपूर्ण ‘FARMERS’ आंदोलन….ऐसे नेताओं को गिरफ्तार कर चेन्नई भेज देना चाहिए

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब-हरियाणा सीमा पर आंदोलनकारी किसानों को सख्त फटकार लगाई। अदालत ने उनके तौर-तरीके को गलत ठहराया। अदालत ने आंदोलन में बच्चों, महिलाओं को ढाल बनाना को लेकर सख्त टिप्पणी की। किसानों द्वारा शुभकरण सिंह की मृत्यु तथा हरियाणा सरकार द्वारा उन पर की जा रही लगातार गोलीबारी को लेकर किसी सेवानिवृत जस्टिस द्वारा निष्पक्ष जांच कराने को लेकर दायर की गई याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी। 

अदालत में किसान नेता द्वारा याचिका दायर की गई थी। उस मामले को लेकर वीरवार को अदालत में सुनवाई हुई। अदालत ने दोनों तरफ के अधिवक्ता द्वारा की गई गई दलील को काफी ध्यानपूर्वक तरीके से सुना। अदालत ने आंदोलन में बच्चों और महिलाओं को ढाल बनाने पर सख्त टिप्पणी की। हाईकोर्ट ने कहा कि हाथों में तलवारें लेकर कैसा शांतिपूर्ण प्रदर्शन होता है। हाईकोर्ट ने बेहद सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं को गिरफ्तार कर चेन्नई भेज देना चाहिए। कोर्ट ने पूछा कि क्या आप वहां जंग करने जा रहे हैं। हाईकोर्ट ने ये टिप्पणियां हरियाणा सरकार की तरफ से पेश तस्वीरों के आधार पर की।वहीं पंजाब और हरियाणा को शुभकरण की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी को लेकर कोर्ट की तरफ से फटकार लगाई गई। कोर्ट ने कहा कि पंजाब और हरियाणा सरकार अपनी जिम्मेदारी निभाने में नाकाम रहीं।

कमेटी गठित

वहीं खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान किसान शुभकरण की मौत के मामले की जांच हाईकोर्ट के रिटायर जज की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी। हरियाणा और पंजाब के दो दो अफसर कमेटी का हिस्सा होंगे।

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