वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
केवल एसएसपी के पत्र के आधार पर गैर कानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) को आपराधिक मामले में लागू नहीं किया जा सकता। यह पैसला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बर्खास्त पुलिसकर्मियों की याचिका पर सुनाया ।हाईकोर्ट ने कहा कि एसएसपी ने इन दोनों विशेष अधिनियमों को लागू करने की गुंजाइश का पता लगाए बिना ही इसके लिए सिफारिश कर दी जो गलत है। इन टिप्पणियों के साथ ही याचिका को मंजूर करते हुए हाईकोर्ट ने पुलिसकर्मियों की बहाली पर विचार करने का पंजाब सरकार को आदेश दिया है।
इन्होंने लगाई थी याचिका
मानसा निवासी बर्खास्त पुलिसकर्मी हरमीत लाल व अन्य की ओर से याचिका दाखिल करते हुए हाईकोर्ट को बताया गया कि 2011 में उनके खिलाफ आईपीसी की कुछ धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम और धन शोधन निवारण अधिनियम भी जोड़े गए। याचिकाकर्ताओं पर यह आरोप लगाया गया कि उन्होंने नक्सलियों को हथियार और गोला-बारूद बेचा है।