POLITICS….भाई-साहब, अब फंड बंद, अपने भलभूते पर लड़े चुनाव….उप चुनाव में पार्टी की करा दी बेइज्जती

VIJAY RUPANI

वरिष्ठ पत्रकार,चंडीगढ़। 

पंजाब में हाल ही हुए उपचुनावों के नतीजों से भाजपा हाईकमान काफी असहज है। खासकर, पंजाब भाजपा प्रभारी विजय रूपाणी ने हाल ही में जालंधर दौरे के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त भी की है। रूपाणी के अनुसार पार्टी की तरफ से पंजाब में उम्मीदवारों को फंड भेजा जाता है और प्रचार के लिए पैसा भी दिया जाता है, लेकिन वोट कम पड़ती हैं। उन्होंने साफ कहा कि निगम चुनाव आ रहे हैं। प्रत्याशी व स्थानीय नेता देखें कि कैसे प्रचार पर खर्च करना है। रूपाणी की इन बातों से नाराजगी साफ थी कि पंजाब में चार सीटों पर हुए उपचुनाव में 3 पर पार्टी उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई है।


लोकसभा चुनाव में भाजपा को 18 प्रतिशत वोट मिले थे। उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल के चुनाव न लड़ने से भाजपा को उम्मीद थी कि इस वोट बैंक के सहारे भाजपा को सफलता जरूर मिलेगी। खास बात यह थी कि लोकसभा में पार्टी ने अपने काडर के नेताओं को उतारा था, लेकिन उपचुनाव में तो सीधे दूसरी पार्टियों से आए उम्मीदवार को ही टिकट दी थी। राष्ट्रवाद व हिंदुत्व का नारा लेकर चल रही भाजपा ने चारों सीटों पर किसी हिंदू उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया, यह बात भी कुछ टकसाली भाजपा नेताओं ने रूपाणी के समक्ष रखी। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि उन्होंने रूपाणी के सामने सारी पिक्चर रखी है कि भाजपा को अपने टकसाली नेताओं को तरजीह देनी होगी।


बरनाला और गिद्दड़बाहा सीट पर पार्टी को पूरी उम्मीद थी। यहां पर कांग्रेस से भाजपा में आए दो दिग्गज मनप्रीत बादल और केवल ढिल्लों चुनाव लड़ रहे थे। दोनों उम्मीदवारों ने इन सीटों को पहले से क्रमश: चार और दो बार जीत हासिल की है। गिद्दड़बाहा सीट से मनप्रीत बादल को मात्र 12,227 वोट मिले जबकि लोकसभा चुनाव में किसानों के सबसे ज्यादा विरोध का सामना कर रहे पार्टी के उम्मीदवार हंसराज हंस को 14,850 वोट मिले थे। बरनाला सीट पर पार्टी की जमानत तो बच गई लेकिन उनके उम्मीदवार केवल ढिल्लों को कुल 17,958 वोट मिले। जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान उनके उम्मीदवार अरविंद खन्ना को 19,218 वोट मिले थे।


चब्बेवाल सीट पर पार्टी ने पूर्व अकाली मंत्री सोहन सिंह ठंडल को पार्टी में शामिल करके मैदान में उतार दिया। सोहन सिंह ठंडल को मात्र 8,692 वोट मिले। इससे पहले ठंडल ने शिअद की टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़ा था तब उन्हें यहां से 11,935 वोट मिले थे।


डेरा बाबा नानक सीट पर भी पार्टी ने पूर्व स्पीकर निर्मल सिंह काहलों के बेटे रवि करण काहलों को टिकट दिया था, लेकिन यहां भी पार्टी उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई। चार सीटों पर उपचुनाव में से केवल ढिल्लों ही एक ऐसे प्रत्याशी हैं जिन्हें लोकसभा के भाजपा उम्मीदवार से ज्यादा वोट मिले। काहलों को 6,505 वोट मिले जबकि पांच महीने पहले हुए लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी दिनेश बब्बू को 5981 वोट मिले थे।

100% LikesVS
0% Dislikes