PUNJAB…..नहीं चाहिए हमें पैसा-नौकरी….सिर्फ तो सिर्फ चाहिए इंसाफ…… मृतक किसान शुभकरण का परिवार , शाह-खट्टर, हरियाणा पुलिस के खिलाफ कार्रवाई पर अड़ा

पंजाब सरकार की 1 करोड़ आर्थिक मदद तथा परिवारिक सदस्य को सरकारी नौकरी की घोषणा को ठुकराया………अब तक नहीं हुआ पोस्टमार्टम

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।

किसान आंदोलन में जान गंवा चुके  बठिंडा के युवा किसान शुभकरण सिंह के परिवार ने  सरकार की सभी मदद को सिरे से ठुकरा दिया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उन्हें पैसा भी नहीं चाहिए, उन्हें तो सिर्फ तो सिर्फ इंसाफ चाहिए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तथा पुलिस के खिलाफ धारा 302 (हत्या का मामला) दर्ज करने पर परिवार अड़ गया। उधर, राज्य सरकार मामले की जांच पड़ताल निष्पक्ष तरीके से करने का आश्वासन दे चुकी है। भरोसा, इस बात का भी दिया गया कि जांच में आरोप साबित होने वालों को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा। बता दें कि युवा किसान की खनौरी सीमा पर आंदोलन दौरान गोली लगने की वजह से मौत हो गई थी। शव पटियाला के सरकारी अस्पताल राजिंदरा में रखवाया गया। अभी तक परिवार ने शव नहीं लिया। इतना ही नहीं, पोस्टमार्टम नहीं करवाने की जिद पर अड़े हुए हैं। 

खनौरी सीमा पर बठिंडा के 21 वर्षीय युवा किसान शुभकरण सिंह आंदोलन का हिस्सा थे। वह अपने चाचा सहित आए थे। बताया जा रहा है कि मृतक किसान के चाचा किसान यूनियन के पदाधिकारी है। मृतक ने यह बात बोली थी वह अपने अधिकार लेकर ही घर लौटेगें। हादसे वाले दिन शुभकरण सबसे आगे चल रहे थे। हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू-गैस के गोले दागे गए। आरोप लगे कि पुलिस द्वारा किसानों पर रबड़ की गोलियां भी चलाई गई। गोली मृतक किसान के सिर पर लगी। एकदम जमीन पर गिर गया। सिर से काफी खून बहने लगा। किसान नेता तथा अन्य किसानों का एक गुट उसे अस्पताल लेकर गया। अस्पताल में चिकित्सकों ने  उसे मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि उसे पटियाला के राजिंदरा अस्पताल लेकर गए। शव पोस्टमार्टम के लिए रखवा दिया। 

इस बात का भी पता चला है कि युवा किसान की मौत के उपरांत काफी धीमा पड़ गया। किसान नेताओं ने इस बात का फैसला लिया कि युवाओं को आगे जाने की कोई अनुमति नहीं दी जाएगी। आगे वरिष्ठ किसान जाएगे। लेकिन, कई युवा किसान अपने नेताओं की बात से सहमत नहीं दिखाई दिए, इसलिए, 40 फीसद युवा किसान आंदोलन का रास्ता बीच में छोड़कर वापस घर लौट रहे है। माना जा रहा है कि युवा किसान शुभकरण की मृत्यु से काफी दुखी है। उधर, परिवार ने इस बात की घोषणा कर दी कि उन्हें सरकारी मदद बिल्कुल ही नहीं चाहिए। हमें तो सिर्फ शुभकरण के हत्यारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहिए। अपनी मांग में शाह, खट्टर, हरियाणा पुलिस के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की गुहार लगाई। अब देखना होगा कि सीएम भगवंत मान सरकार किसानों का समर्थन करने का दावा करने वाली परिवार की बात को मानती है, या फिर फैसले से यू-टर्न ले लेती है। 

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