वरिष्ठ पत्रकार.CHANDIGARH।
लगता है कि पाकिस्तान आवाम की समस्या कम नहीं होने वाली नहीं हैं। दरअसल, भारत से रावी नदी का पानी भविष्य में पाकिस्तान नहीं जाने वाला है। क्योंकि, शाहपुर बैराज बांध का कार्य मुकम्मल हो चुका है। पाकिस्तान को जाने वाले हिस्से का पानी पंजाब , जम्मू के किसानों को मिलने जा रहा है। इससे दोनों राज्यों के किसानों की कृषि क्षेत्र में फायदा पहुंचाने वाला है। बताया जा रहा है कि इस परियोजना पर लगभग 2800 करोड़ की लागत आई। इस बात की पुष्टि, बांध के एक बड़े अधिकारी ने की। बताते चले कि पूर्व में रंजीत सागर बांध चल रहा है।
अधिकारी ने जानकारी दी कि परियोजना के तहत ट्रायल का काम आरंभ हो चुका है। पहले चरण में बांध की झील में पानी भर लिया गया। आगे इसे पंजाब के अलग-अलग हिस्से में पानी भेज ट्रायल किया गया। अगले चरण में 10 जगह भेज कर जांच किया जाएगा। सफलता हासिल होने के उपरांत इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। पूर्व में पाकिस्तान काफी मात्रा में पानी चला जाता था। यहां के कृषि क्षेत्र में अब काफी फायदा होगा, क्योंकि, पानी की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में किसानों में मिल जाएगी। सूखा जैसी चुनौती से किसानों को अब निपटना नहीं पड़ेगा।
वर्ष 2025 में बिजली उत्पादन का कार्य आरंभ हो जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, 206 मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। बिजली किल्लत की परेशानी एकदम दूर होगी। कृषि क्षेत्र में पैदावार में इजाफा होगा। अन्य राज्यों से बिजली लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। कठुआ, सांबा जिला में 32173 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होगा।