PUNJAB–ये हाल है, देश के अन्नदाता का……..साल भर खेत में जी तोड़ मेहनत, अंत प्राकृतिक नुकसान, नाम का है मुआवजा

FARMER AT FIELD

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

देश का अन्नदाता यानी कहलाने वाला किसान साल भर खेत में जी तोड़ मेहनत करते हैं, लेकिन मौसम की मार के आगे वह लाचार हो जाता हैं। कभी सूखा, तो कभी बाढ़, कभी बेमौसमी बारिश, तो कभी ओलावृष्टि… हर साल इससे किसानों को करोड़ों का नुकसान होता है। प्राकृतिक आपदाओं से बचने के लिए किसानों के पास कोई पुख्ता इंतजाम न होने के कारण नुकसान उठाने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है।


ऐसे में किसान सिर्फ सरकार की तरफ से दिए जाने वाले मुआवजे पर ही निर्भर हैं। किसानों का कहना है कि उन्हें नुकसान का पर्याप्त मुआवजा नहीं मिल पाता, जबकि सरकार का दावा है कि किसानों को पूर्व सरकारों की तुलना में अधिक मुआवजा दिया जा रहा है। सरकार की तरफ से विशेष गिरदावरी कराकर मुआवजा जारी किया जाता है। इसके अलावा बाढ़ से निपटने के लिए भी समय-समय पर उचित सुरक्षा प्रबंध किए जाते हैं।


जानिए, रिपोर्ट क्या कहती


वर्ष 2023 में जुलाई महीने में आई बाढ़ के कारण करीब 6.25 लाख एकड़ में लगी धान की फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई थी, जिससे किसानों को करीब 1300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। प्रमुख रूप से पटियाला, संगरूर, मोहाली, रूपनगर, जालंधर और फतेहगढ़ साहिब आदि जिलों में सर्वाधिक नुकसान हुआ था। पंजाब के 18 जिले बाढ़ के से प्रभावित हुए थे।


फसल बीमा योजना नहीं सफल हो पाई


अभी तक पंजाब के किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ नहीं मिलता रहा है, क्योंकि किसान इसकी शर्तों से सहमत नहीं थे। पंजाब सरकार भी इसे लागू करने से कतराती रही, लेकिन अब भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब पंजाब के किसानों को भी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ प्राप्त होगा। 

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