लेखक विनय कोछड़.अमृतसर.चंडीगढ़।
पंजाब की अमृतसर पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगने का दावा किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पुलिस ने एक तस्करी के गिरोह का बड़ा नेटवर्क ध्वस्त करने में सफलता हासिल की। इस गोरखधंधे में सरगना सहित कुल 12 लोगों की संख्या बताई जा रही है। वह सभी 20 से 30 साल की आयु के बताए जा रहे है। दिलचस्प पहलू यह रहा है कि ड्रग्स तथा हथियार को छुपाने के लिए एक आंगनवाड़ी महिला वर्कर उनकी पनाहगार निकली है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि इस धंधे के तार पाकिस्तान से लेकर जम्मू-कश्मीर तक जुड़े हुए थे। लगभग 12 करोड़ की हेरोइन, 3 अत्याधुनिक पिस्टल (30 बोर) , 2 लाख पार (भारतीय मुद्रा) तथा एक महंगी कार को इनके कब्जे से बरामद किया गया। अदालत में पेश किया गया। बताया जा रहा है सभी कथित अपराधियों को एक सप्ताह के लिए पुलिस न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। पंजाब पुलिस के निदेशक डा.गौरव यादव ने अमृतसर आयुक्त तथा उनकी टीम की प्रशंसा करते हुए उन्हें बधाई दी। यह संदेश उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट में साझा किया।

……समझें कैसे हुआ पर्दाफाश
पुलिस आयुक्त आईपीएस गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने जानकारी देते कहा कि थाना छेहरटा पुलिस ने पिछले दिनों एक तस्कर को 100 ग्राम से ऊपर ड्रग्स सहित गिरफ्तार किया था। जब उसे पूछताछ आरंभ हुई तो उसने एक-एक करके सभी तस्करों के नाम उगल दिए। इस नेटवर्क के तार पाकिस्तान- भारत (पंजाब) तथा जम्मू-कश्मीर तक जुड़ रहे थे। फिर एक हैरान करने वाली बात यह सामने आई कि एक महिला आंगनवाड़ी वर्कर (महिला) ड्रग्स तथा हथियारों की खेप छुपाने का काम करती थी। पैसे के लालच पर वह इनके साथ जुड़ गई। जम्मू कश्मीर से 5 तस्करों को वहां की स्थानीय पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया गया।
जानें, कब कैसे ड्रग्स डील हुई
पुलिस आयुक्त ने बताया कि जब उन्होंने सभी को पकड़ लिया तथा अपने जांच का दायरा बढ़ाया तो पता चला कि यह खेप पाकिस्तान पार से भारत पंजाब के अजनाला, डेरा बाबा नानक क्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से 2 बार ड्रग्स तथा हथियारों की खेप मंगवाई गई। पता चला है कि सभी पिछले 3 माह से यह धंधा कर रहे है। पाकिस्तान के तस्करों के साथ उनकी अच्छी सेटिंग हो चुकी है। संपर्क का कौन सा साधन इस्तेमाल करते है, पुलिस ने जांच का विषय बता कर उस बारे स्पष्ट नहीं किया।
पकड़े गए कथित अपराधियों की पहचान
गिरोह का मुख्य सरगना की पहचान मनजीत सिंह उर्फ भोला, निवासी गांव झंझोटी, अजनाला , अनिकेत वर्मा (निवासी छेहरटा); जोबनप्रीत सिंह उर्फ जोबन (निवासी छेहरटा); बबली (निवासी नारायणगढ़, छेहरटा); हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी (निवासी गुरु की वडाली); अमृतपाल सिंह उर्फ अंश (निवासी नारायणगढ़, छेहरटा); रेशमा (निवासी करतार नगर, छेहरटा); हर्षप्रीत सिंह उर्फ हरमन उर्फ हम्मा (निवासी गांव ठंडा, अमृतसर); मनदीप सिंह उर्फ कौशल उर्फ जोशी (निवासी गांव फतेहपुर, अमृतसर); गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी; लवप्रीत सिंह उर्फ जशन (दोनों निवासी गांव फतेहपुर) और आकाशदीप सिंह उर्फ अर्श (निवासी छेहरटा) के रूप में हुई है।
यह कुछ हुआ बरामद
कथित अपराधियों से 2.19 किलो हेरोइन, 3 अत्याधुनिक पिस्तौल, 2.60 लाख रुपये की ड्रग मनी और फॉर्च्यूनर गाड़ी बरामद की है। सभी सामान आंगनवाड़ी महिला पनाहगार के घर से बरामद हुआ। पता चला है कि महिला ने घर में एक तहखाना बना रखा था। पुलिस ने खेप तता अन्य सामान उसके तहखाना से ही बरामद किया।
जानें, कैसे बन गई महिला तस्करों की पनाहगार
महिला पनाहगार का पता चला है कि महिला की आर्थिक हालत इतनी ठीक नहीं थी। चंद पैसों के लालच ने उसे तस्करों का पनाहगार बना दिया। पता चला है कि अब तक महिला को लाखों को रुपए तस्करों से मिल चुके है। उसके कुछ नजदीकी लोगों ने बताया कि महिला का कुछ समय से रहन सहन काफी बदल चुका था। उसके घर हमेशा ही संदिग्ध लोगों का जमावड़ा लगा रहता था। जब उससे इस बारे पूछा जाता है तो अपने रिश्तेदारों का हवाला देकर बात को बदल देती थी। पता चला है कि संदिग्ध लोग काफी महंगी कारों में उसके घर आते थे। आस पास के लोगों को पहले से ही महिला पर शक था, लेकिन, इसके बारे पुलिस के समक्ष कहने पर घबरा रहे थे।