वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर चंडीगढ़।
तख्त श्री पटना साहिब के “पंज प्यारों” (गुरु के पांच प्यारे) द्वारा तख्त के 2 जत्थेदारों को “तनखैया” (धार्मिक दुराचार का दोषी) घोषित करने के एक दिन बाद, अकाल तख्त सचिवालय, अमृतसर ने तख्त प्रबंधन को इस निर्णय को तुरंत वापस लेने या कड़ी कार्रवाई का सामना करने का आदेश दिया है।
जानिए, क्या जारी किया गया बयान
अकाल तख्त सचिवालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “सिख रहत मर्यादा के अनुसार, श्री अकाल तख्त साहिब पांच तख्तों में सर्वोच्च है, और इसके निर्णय और आदेश सभी तख्त साहिबों और पूरे सिख समुदाय के लिए बाध्यकारी हैं। किसी भी तख्त साहिब के पंज प्यारों के समूह को श्री अकाल तख्त साहिब की सर्वोच्चता पर सवाल उठाने का अधिकार नहीं है।” बयान में कहा गया है, “तख्त श्री पटना साहिब स्थानीय मौजूदा मर्यादा, रीति-रिवाजों और सिद्धांतों से संबंधित निर्णय ले सकता है, लेकिन श्री अकाल तख्त साहिब को धार्मिक मामलों से संबंधित विवादों पर विचार-विमर्श करने का पूरा अधिकार है और इसकी राय और निर्णय अंतिम माने जाते हैं।”
फैसले में किन-किन ठहराया था दोषी…जानिए, खास रिपोर्ट में
तख्त पटना साहिब के ‘पंज प्यारों’ ने बुधवार को अकाल तख्त (ज्ञानी गर्गज) और दमदमा साहिब (बाबा टेक सिंह) के प्रमुखों को “धार्मिक कदाचार” का दोषी ठहराया और तख्त के मामलों में कथित रूप से हस्तक्षेप करने के लिए शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) प्रमुख सुखबीर बादल को भी तलब किया।
यह कदम ज्ञानी गर्गज और बाबा टेक सिंह सहित पांच सिख पुजारियों द्वारा अकाल तख्त के पहले के आदेशों का “अनुपालन न करने” पर पटना साहिब मंदिर के पूरे प्रबंधन पैनल को तलब करने के कुछ घंटों बाद उठाया गया। बलदेव सिंह और भाई गुरदयाल सिंह को, जो दोनों ही ‘पंज प्यारों’ का हिस्सा थे, अकाल तख्त के अधिकार को चुनौती देने से रोक दिया था।
नौती देने का प्रयास किया था
6 दिसंबर, 2022 के आदेश के अनुसार, तख्त श्री पटना साहिब की प्रबंधन समिति को निर्देश दिया गया था कि वह भाई बलदेव सिंह से पंज बनियां (पांच प्रार्थनाएं) पढ़ने के लिए कहे, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग अकाल तख्त को भेजी जानी थी। प्रबंधन समिति को भाई गुरदयाल सिंह को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया गया था। लेकिन, अकाल तख्त के तत्कालीन कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के नेतृत्व में पांच महायाजकों द्वारा जारी किए गए इन दोनों आदेशों का कभी पालन नहीं किया गया।
अकाल तख्त सचिवालय ने यह भी उल्लेख किया कि तख्त श्री पटना साहिब के ग्रंथी सिंह, जिन्होंने ‘पंज प्यारों’ के हिस्से के रूप में कल अकाल तख्त साहिब को चुनौती देने का प्रयास किया था, वर्तमान में गुरमत विरोधी आचरण (जैसे उनके परिवार के सदस्यों का पतित होना और तंबाकू/सिगरेट आदि का सेवन करना) से जुड़ी कई शिकायतों के लिए जांच के दायरे में हैं। इसके अलावा, तख्त श्री पटना साहिब के संविधान और उपनियमों की धारा 79 अकाल तख्त को धार्मिक मामलों पर निर्णय लेने की शक्ति देती है और इसकी राय/निर्णय को अंतिम माना जाता है।