वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर /चंडीगढ़।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता सुखबीर बादल की धार्मिक सजा पर कभी भी फैसला आ सकता है। श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ तनखैया घोषित किए गए सुखबीर बादल को अभी धार्मिक सजा सुनाई जानी है। बुधवार को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी की अध्यक्षता में अकाली नेताओं की एक विशेष बैठक हुई है।
राजनीतिक संकट का सामना कर रहे शिरोमणि अकाली दल बादल (शिअद) के आधार की रक्षा को लेकर अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़, एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी, श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह व तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की विशेष बैठक ज्ञानी रघबीर सिंह के निवास पर हुई। अकाली नेताओं ने इस बैठक को चाहे साधारण व रूटीन की बैठक बताया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सारी बातचीत का केंद्र सुखबीर बादल को दी जाने वाली धार्मिक सजा पर रहा है।
करीब दो घंटे चली इस बैठक में अकाली दल के मौजूदा राजनीतिक हालातों, सुखबीर बादल को धार्मिक सजा आदि समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई है। इस बैठक में जत्थेदारों को अपनी सेवा पर बने रहने के अपील के साथ-साथ सुखबीर बादल के मामले में जल्द संस्थाओं के प्रमुखों की राय लेकर पांच सिंह साहिबानों से कार्रवाई की अपील की गई है, जिसे मानते हुए दोनों जत्थेदारों ने जल्दी मीटिंग रखने का विश्वास दिलाया है।
बैठक के बाद ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा कि यह साधारण बैठक है और पहले भी इस तरह की बैठक आपस में होती रही हैं। जत्थेदार के इस्तीफे की चर्चा पर उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल संबंधी पांच सिंह साहिबानों में ही कोई फैसला लिया जा सकता है।
अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष बलविंदर सिंह भूंदड़ ने कहा कि वह अमृतसर आए हुए थे और उनकी इच्छा थी कि जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह से मुलाकात की जाए। अकाली दल के 15 दिसंबर को पदाधिकारियों के चुनाव का समय पूरा होने पर उन्होंने कहा कि जल्द ही डेलीगेट्स की भर्ती शुरू की जाएगी। इसके बाद अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों का चुनाव किया जाएगा।