SPECIAL REPORT–जानिए, किसे बनाया गया ‘RAW HEAD’, इनका PUNJAB से क्या है रिश्ता, EXPERT’S, बोले—-अब खालिस्तानी आतंकियों की खैर नहीं….?

NEW RAW HEAD CHIRAG JAIN-SNE

वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़। 

पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी पराग जैन को रॉ प्रमुख बनाया गया। उन्हें खालिस्तान समर्थक तत्वों पर सटीक काम करने तथा संवेदनशील ऑपरेशनों को सही अंजाम तक पहुंचाने में एक बेहतर विकल्प माना जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि उनके रॉ प्रमुख बनने से विदेश में खासकर कनाडा व यूरोपीय देशों में नेटवर्क बना चुके खालिस्तान समर्थित आतंकी नेटवर्क की कमर टूटेगी। इससे पहले पराग जैन को रॉ की ओर से कनाडा में एक लंबी अवधि के लिए तैनात किया गया था।

इन आतंकी नेटवर्क को बारीकी से मॉनिटर किया
वहां उन्होंने खालिस्तान समर्थक संगठनों सिख्स फॉर जस्टिस, बब्बर खालसा, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स आदि के नेटवर्क को बारीकी से मॉनिटर किया। उन्होंने खालिस्तान समर्थित आतंकी समूह को फंडिंग, प्रशिक्षण और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार के तरीकों का अध्ययन कर भारत सरकार को सतर्क किया।
कनाडा सरकार के अधिकारियों से संपर्क बनाकर उन्होंने आतंकी तत्वों की सूची बनाने और उनके संभावित डिपोर्टेशन की दिशा में प्रयास किए। पराग जैन ने गुप्तचरों के माध्यम से ऐसे नेटवर्क की सूचना जुटाई जो पंजाब में आतंकी गतिविधियों के लिए पैसे व हथियार भेज रहे थे।

प्रामाणिक डोजियर तैयार करके दिए  


उन्होंने भारत सरकार को प्रामाणिक डोजियर तैयार करके दिए, जो कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया में खालिस्तान समर्थित गतिविधियों पर आधारित थे। इनका उपयोग भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किया, जिससे दबाव बनाया जा सके कि ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।


जैन ने डीआईजी लुधियाना रेंज व चंडीगढ़ एसएसपी के पद पर कार्य करते हुए खालिस्तान समर्थित मॉड्यूल्स को निष्क्रिय करने में मदद की। बठिंडा, मानसा, होशियारपुर जैसे संवेदनशील जिलों में बतौर एसपी और एसएसपी काम किया। जैन ने 90 के दशक और 2000 के शुरुआती वर्षों में खालिस्तान समर्थित गतिविधियों के बचे-खुचे मॉड्यूल को नष्ट करने के लिए कई ऑपरेशन किए।


नशे पर वार


जैन ने पंजाब में ड्रग्स की तस्करी (विशेषकर हेरोइन और सिंथेटिक ड्रग्स) के खिलाफ इंटेलिजेंस आधारित ऑपरेशनों की निगरानी की। ड्रग व आतंक के गठजोड़ पर विशेष काम किया। पंजाब में युवाओं को कट्टरपंथ की ओर मोड़ने वाले सोशल मीडिया चैनलों और ऐप की पहचान की।


कई विदेशी सोशल मीडिया हैंडल्स और यू-ट्यूब चैनलों की रिपोर्टिंग व ट्रैकिंग करवाई जो पंजाब में असंतोष भड़का रहे थे। उन्होंने अपने कार्यकाल में स्थानीय ग्रामीण स्तर तक खुफिया तंत्र को पुनर्गठित किया। ग्रामीण मुखबिरों और पंचायत स्तर पर सूचना तंत्र विकसित किया, जिससे छोटे मॉड्यूल्स तक जल्दी पहुंच बन पाई। खुफिया विश्लेषक उन्हें सुपर जासूस मानते है। 

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