अमृतसर से आई बड़ी खबर— जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह किसी भी समय श्री अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार का छोड़ सकते पद—सूत्र

चर्चा—पंथक मुद्दों पर दिए जा रहे बयानों से नाखुश शिअद

एसएनई नेटवर्क.अमृतसर/ चंडीगढ़।

तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह किसी भी समय श्री अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार का पद छोड़ सकते हैं। एसजीपीसी गलियारे में चर्चा है कि अकाली दल के कुछ बड़े नेता श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार के रूप में दी जा रही उनकी सेवाओं से संतुष्ट नहीं हैं। वरिष्ठ अकाली सूत्रों का कहना है कि उनके पंथक मुद्दों पर दिए जा रहे बयान के कारण अकाली दल को अपने समर्थकों और पंजाब के लोगों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है।


पिछले विधानसभा चुनाव से पहले 13 फरवरी 2022 को श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ जत्थेदार की बंद कमरे में बैठक हुई थी। जत्थेदार ने सिख मुद्दों पर केंद्रीय गृह मंत्री का ध्यान दिलाया था। अकाली दल को बाईपास कर सीधे अमित शाह से उनकी मुलाकात कुछ शिअद नेताओं को पसंद नहीं आई।  


बंद कमरों में हुई मुलाकातें भी नेताओं को पची नहीं
इसके अलावा तत्कालीन मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और मौजूदा मुख्यमंत्री भगवंत मान से ज्ञानी हरप्रीत सिंह की बंद कमरों में हुई मुलाकातें भी नेताओं को पची नहीं। अब केंद्र सरकार की ओर से एसजीपीसी के पदाधिकारियों और अकाली दल के नेताओं को भी मिलने के लिए समय न दिया जाना भी उनको परेशान कर रहा है। इससे नाराज नेता ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ नेतृत्व के पास रिपोर्ट दे रहे हैं ।


2018 में बने थे श्री अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार
उल्लेखनीय है कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 21 अप्रैल, 2017 को तख्त श्री दमदमा साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह की जगह ज्ञानी हरप्रीत सिंह को तख्त श्री दमदमा साहिब का जत्थेदार नियुक्त किया। फिर 22 अक्तूबर 2018 को श्री अकाल तख्त साहिब के तत्कालीन जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह के इस्तीफे के बाद शिरोमणि कमेटी ने ज्ञानी हरप्रीत सिंह को श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी थी। करीबी सूत्रों का अब कहना है कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह अकाल दल के जत्थेदार की अतिरिक्त जिम्मेदारी छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।

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