कभी लोगों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध हरविंदर सिंह उर्फ फौजी के गैंगस्टर बनने की कहानी पैसों की लालच में शुरू हुई….कबड्डी खिलाड़ी अंबिया की हत्या का था मेन साजिशकर्ता,गिरफ्तार

2022 में कनाडा में बैठे कबड्डी फेडरेशन चलाने वाले सनावर ढिल्लों के संपर्क में आया

एसएनई नेटवर्क.जालंधर। 

कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल हत्याकांड में शामिल मुख्य साजिशकर्ता फौज से रिटायर हरविंदर सिंह फौजी समेत पांच आरोपियों को जालंधर देहात पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कभी लोगों की सुरक्षा के लिए वचनबद्ध हरविंदर सिंह उर्फ फौजी के गैंगस्टर बनने की कहानी पैसों की लालच में शुरू हुई। संदीप नंगल अंबियां की हत्या के लिए उसने डेढ़ करोड़ में सौदा किया था।
नौकरी के दौरान ही उसने ऑनर किलिंग और जबरन वसूली का काम शुरू कर दिया था। कुछ ही माह में पश्चिमी यूपी का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर बनकर उभरे फौजी ने 18 साल जाट बटालियन में सैनिक के रूप में सेवाएं दी हैं। इसी साल रिटायर होने के बाद वह अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया और 22 से अधिक कत्ल, कत्ल की साजिश, फिरौती और जबरन वसूली के मामलों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब में वांछित चल रहा था। वह फरवरी 2022 में कनाडा में बैठे कबड्डी फेडरेशन चलाने वाले सनावर ढिल्लों के संपर्क में आया था।

कमांडो और सिपाहियों को आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग देता था हरविंदर
हरविंदर फौज में कमांडो और सिपाहियों को आधुनिक हथियारों की ट्रेनिंग देता था। अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद ऑनर किलिंग के लिए हायर किए गए शूटर्स को खुद ट्रेनिंग देने लगा था। पुलिस के अनुसार हरविंदर पैसों के लिए कुछ भी कर सकता था और पूरी तरह सनकी था। उसका मोटिव था कि जब उसकी गैंग के साथी वारदात को अंजाम दें तो वहां भीड़ होनी चाहिए, ताकि लोगों में डर का माहौल पैदा हो।

अंबिया को मारने की डेढ़ करोड़ तय हुई थी सुपारी  


पुलिस पूछताछ में हरविंदर ने बताया कि उसे कनाडा में बैठे सनावर ढिल्लों के गुर्गे ने संपर्क कर फरवरी 2022 में पंजाब के अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबियां को मारने की सुपारी दी थी, जिसकी कीमत डेढ़ करोड़ तय की गई थी।
इसके बाद हरविंदर ने हरियाणा के शार्प शूटर विकास मल्हे को काम सौंपा, जिसने अलवर के शूटर सचिन को भी साथ ले लिया। हरविंदर के पास विदेशी हथियारों का जखीरा है, इसका खुलासा विकास मल्हे ने पूछताछ के दौरान किया था। वहीं संदीप को मारने के लिए ५ विदेशी पिस्तौल मुहैया कराने और उन्हें चलाने की ट्रेनिंग देने के आरोप कोर्ट में सिद्ध हो चुके हैं, लेकिन पुलिस हरविंदर से हथियारों की रिकवरी नहीं करा सकी। बाद में इसे भगौड़ा करार दे दिया गया था। 

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