सिद्वू को खुला चैलेंज……..यहां से चुनाव लड़ेंगे……वहां से हराना होगा उनका मकसद……चाहे, किसी अन्य पार्टी की कैंडिडेट की मदद क्यों नहीं करनी पड़े
सोशल मीडिया में पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी हो रही वायरल
एसएनई न्यूज़.अमृतसर/चंडीगढ़।
रविवार को पंजाब प्रदेश कांग्रेस को उस समय बड़ा झटका लगा, जब पंजाब के माझा में कांग्रेस दिग्गज नेता संदीप गौरसी ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर सदा के लिए कांग्रेस को अलविदा कहने का मन बना लिया। इतना ही नहीं, इस्तीफे का पत्र सोशल मीडिया में खूब तेजी से वायरल हो रहा है। इस पत्र में लिखा है कि पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा टकसाली कांग्रेसियों को पार्टी से नजरअंदाज किए जाने पर, उन्होंने वर्ष 2019 में पंजाब प्रदेश कांग्रेस लीगल सेल के कनवीनर पद से इस्तीफा दे दिया था। इस पद पर लगातार तीन वर्ष अपनी सेवाएं दी।

चूंकि, वर्ष 2021 में पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिद्वू को बनाया गया। एक नई उम्मीद वर्करों में जागी कि टकसाली कांग्रेसियों को सम्मान मिलेगा, जबकि हालात पुराने जैसे ही रहे। टकसाली कांग्रेसियों को नए प्रधान द्वारा नजरअंदाज करने पर उन्होंने कड़ा फैसला लेते हुए कांग्रेस की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया। फिलहाल, इस इस्तीफे को कांग्रेस ने मंजूर नहीं किया। जबकि, गौरसी ने कांग्रेस को हमेशा के लिए अलविदा कहने का पूरा-पूरा मन बना लिया। ऐसे में उनका पार्टी में वापिस आने का कोई औचित्य ही नहीं बनता है।
गौरसी के मुताबिक पार्टी में बाहरी लोगों की वाहवाही हो रही है। उन्हें उच्च पदों पर बैठाया जा रहा है। सिद्वू साहब के विधानसभा हलका पूर्वी की बात कीजिए तो जनता उनसे नाराज चल रही है। क्योंकि क्षेत्र का विकास बिल्कुल नहीं हुआ। उन्होंने फैसला लिया है कि उनका मेन मकसद नवजोत सिंह सिद्वू को चुनाव में हराना है, इसलिए चाहे उन्हें किसी अन्य राजनीतिक पार्टी के कैंडिडेट की मदद क्यों नहीं करनी पड़े। फिलहाल, किसी राजनीतिक पार्टी में जाने की बात सामने नहीं आई।
कांग्रेस को मजबूत करने में रही अहम भूमिका
बचपन से ही संदीप गौरसी कांग्रेस पार्टी से जुड़े है। विश्वविद्यालय की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई। उसके बाद यूथ कांग्रेस फिर सीनियर कांग्रेस में रहते हुए अलग-अलग पद पर काम किया। उनके सांसद डिंपा के साथ अच्छे संबंध रहे है। जब पंजाब में कांग्रेस विपक्ष में थी तो गौरसी ही एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने तत्कालीन पंजाब कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी के खिलाफ जंग लड़ी। कानूनी दांव पेज के माध्यम से जोशी की सियासत का माहौल बिगाड़ दिया था। कांग्रेस को मजबूत करने में गौरसी की अहम भूमिका रही है।
सिद्वू की बढ़ सकती है मुश्किलें
चूंकि , संदीप गौरसी ने कांग्रेस को छोड़ दिया है। ऐसे में विधानसभा हलका पूर्वी में नवजोत सिंह सिद्वू की मुश्किलें बढ़ सकती है। क्योंकि संदीप गौरसी का इस क्षेत्र में काफी दबदबा है। वर्तमान में लोगों के बीच गौरसी का रुतबा काफी अच्छा है। कानून की सेवाएं देने के साथ-साथ सामाजिक सेवाएं देने में भी गौरसी कभी पीछे नहीं हटे है। कयास, इस बात की भी लगाए जा रहे है कि गौरसी द्वारा कांग्रेस छोड़ने पर सिद्वू की राजनीति मुश्किलें बढ़ सकती है।
चर्चा….गौरसी के कई साथी भी छोड़ सकते है कांग्रेस
जिस प्रकार से संदीप गौरसी ने कांग्रेस में अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। इस बात की भी चर्चा शुरु हो चुकी है कि गौरसी के कई खास कांग्रेस राजनीति में अच्छे पदों पर है। उनके द्वारा भी कांग्रेस को अलविदा कहने की अफवाहों का बाजार गर्म है। अगर ऐसा संभव होता है तो कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। ऊपर से पंजाब में विधानसभा चुनाव 2022 निकट है।
इन बातों की भी है चर्चा
सूत्रों से मिली जानकारी मुताबिक, सिद्वू ने कुछ समय के भीतर पार्टी के बाहरी नेताओं को पंजाब में खास स्थान या फिर बड़े पद दिलाने में खास भूमिका निभाई। सिद्वू के इस प्रकार के रविय की वजह से भी संदीप गौरसी जैसे टकसाली नेता नाराज चल रहे थे। वह इस बात पर खफा भी थे कि जिन टकसाली नेताओं ने बचपन से लेकर अब तक पार्टी के लिए सेवा की। उन्हें क्यों नजरअंदाज किया गया। इसका मतलब है कि पूर्व सीएम कैप्टन तथा सिद्वू की नीतियों में कोई अंतर नहीं रह गया।