वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
पंजाब सरकार की खनन नीति को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई। न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न इस नीति पर रोक लगा दी जाए।याचिका दाखिल करते हुए रोपड़ निवासी बचित्तर सिंह ने हाईकोर्ट के अधिवक्ता मंसूर अली के माध्यम से बताया कि उसकी स्टोन क्रशर यूनिट है और यह बाहरी राज्यों से आने वाली सस्ती खनन सामग्री के चलते बंद हो गई है। याची ने बताया कि पंजाब सरकार 24 जनवरी 2023 को खनन नीति लेकर आई थी। नीति में प्रावधान किया गया था कि जो भी वाहन बिना पूर्ण दस्तावेजों के खनन सामग्री को बाहरी राज्यों से लेकर आएंगे उन्हें एक तय राशि का भुगतान करने पर छोड़ दिया जाएगा।
याचिकाकर्ता का मानना . यह बहुत बड़ा घोटाला
याचिकाकर्ता ने कहा कि इस पॉलिसी के तहत बिना दस्तावेज चेक किए सिर्फ 6 रुपये प्रति क्यूबिक फीट चुका बाहरी राज्यों से आ रही खनन सामग्री को सरकार वैध करार दे रही है। ऐसे में बाहरी राज्यों से आने वाली अवैध खनन सामग्री को पंजाब सरकार शह दे रही है। यह एक बड़ा घोटाला है और इसकी सीबीआई से जांच करवाई जानी चाहिए। अवैध खनन सामग्री की स्थिति में उसे लाने वाले वाहनों को जब्त करने का प्रावधान है और अवैध खनन के चलते इस पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए लेकिन एक निश्चित राशि लेकर सरकार इसे वैध बना रही है जो सही नहीं है।
चिंता जताई
हाईकोर्ट को बताया गया कि एनजीटी अवैध खनन को लेकर चिंता जता चुका है और कई दिशा निर्देश भी जारी कर चुका है जिसका सरकार उल्लंघन कर रही है। याची पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने याचिका पर पंजाब सरकार को नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि नीति पर क्यों न रोक लगा दी जाए।