खामोश नहीं रह सकती सच्ची कलम, बुराई के खिलाफ जीत है सुनिश्चित

सांकेतिक तस्वीर

अपनी कलम से लिखी कुछ पंक्तियों का उल्लेख….।

खामोश नहीं रह सकती सच्ची कलम, बुराई के खिलाफ जीत है सुनिश्चित…।

पैसे के दम पर आवाज दबाने वालों की…अब खैर नहीं, क्योंकि, सच के आगे जीत है..।

कलम के बिकाऊ सौदागरों की नहीं चलने वाली है अब पारी, दम है तो लगा दो अपनी पूरी जान…।

झूठ के कभी नहीं होते है पैर…, कुछ दूरी का सफर तय करने के बाद खुद ब खुद पर्दा हो जाता है फाश…।

मेरी कलम नहीं झुकने वाली किसी पैसे के आगे, नहीं डर है, मौत एवं काल कोठरी का, क्योंकि, जिंदगी का एक हिस्सा है, जिसे मैने तय करना है…।

मुझे चाहे लटका दो फांसी पर…. फिर भी कलम से लिखे गए शब्द सच ही होंगे, क्योंकि , मैं नहीं डरता किसी बुराई तथा खौफ से….।

जिन्होंने शुरू की है झूठ, फरेब  की जंग, उसे सच्चाई के राह पर मिलेगा करारा जवाब…।  

तोमत लगाने वाले खुद देखे अपने गिरेबान पर कितने सच्चे एवं झूठे है वो लोग….।

जिंदगी में समाज में कुरीतियों के खिलाफ अपनी कलम का सहारा लेकर पत्रकारिता में अपना जीवन शुरू किया। एक दशक के भीतर कई दौर दिखे। कईयों ने मेरी कलम को दबाने का प्रयास किया। मारने तक की कोशिश का प्रयास हुआ। लेकिन, कोई भी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाया। कहते है, सच्चे का मददगार भगवान होता हैं। झूठ को अपने पैरों तक नहीं आने दिया। कई बार धमकियां मिली की कि खबर प्रकाशित हुई तो जान से मार दिया जाएगा। लेकिन भयं बिल्कुल महसूस तक नहीं किया। मुझे मालूम था कि जो धमकियां देता है वह कुछ कर नहीं पाता हैं। 

पिछले दिनों एक नामवर चिकित्सक ने फर्जी शिकायत का सहारा लेकर कलम को दबाने का पूरा प्रयास किया। पैसे के दम पर झूठे मामला दर्ज कराने का प्रयास किया जा रहा हैं। इतना ही नहीं, उसका सहयोग कुछ फर्जी पत्रकारों की टोली भी दे रही हैं। उसे पीछे से चलाया जा रहा हैं। मगर, मैं सबको कहना चाहता हूं कि डरने वालों में से नहीं हूं। मैं किसी से रिश्वत नहीं लेता हूं। पत्रकारिता को अपना धर्म समझता हूं। समाज के लिए अच्छे कार्य के लिए अपनी कलम चलाता हूं ना कि किसी को ब्लैकमेल करने के लिए।    

कुछ ब्लैकमेल पत्रकारों ने अच्छा ढोंग रचा रखा हैं। वह भोले भाले डॉक्टरों को ब्लैकमेल करते हैं। उनसे 15 लाख रुपए की मांग भी करते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि उन्हें कुछ बड़े पत्रकारों का भी सहयोग मिल रहा है जो कि पत्रकारिता की आड़ में अब बन चुके करोड़पति। इन सब का पर्दाफाश एसएनई न्यूज एक-एक करके अपने संस्करण में करेंगा। क्योंकि, इनके पीछे एसएनई न्यूज की टीम काम में जुट चुकी हैं। इनका पूरा-पूरा चिट्ठा खंगाला जा रहा हैं।  

एसएनई न्यूज संपादक विनय कोछड़ की कलम से…….।

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