पिछले दिनों 1 करोड़ 53 हजार की रिकवरी कर काफी चर्चा में आए आईपीएस निंबाले…ट्विटर पर कांग्रेस के विधायक खड़ा कर रहे आप पर बड़ा सवाल
एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

भारत में ईमानदारी आईपीएस अधिकारियों की कोई जिंदगी नहीं रह गई। इन लोगों को इनाम की जगह स्थानांतरण मिलता है। क्योंकि, भ्रष्ट समाज ने ईमानदारी सिस्टम को खत्म करने का जिम्मा उठा रखा है। पंजाब में आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार तथा रिश्वतखोरी को जड़ से समाप्त करने का दावा करने वाली खुद ही विपक्ष के आगे घिर गई। आप सरकार पर पिछले दिनों आईपीएस अधिकारियों के स्थानांतरण करने पर कांग्रेस ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया। खासकर, होशियारपुर के पूर्व जांबाज आईपीएस 2010 बैच के एसएसपी ध्रुमन निंबाले को जिला श्री मुक्तसर साहिब स्थानांतरण करना महंगा पड़ गया। इस जांबाज अधिकारी ने खनन माफिया वसूली मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए 1 करोड़ 53 हजार के साथ मोटर वाहन के अलावा बड़ी संख्या में रिकवरी की गई थी। इस मामले के कुछ दिन बाद ही इन्हें श्री मुक्तसर साहिब स्थानांतरण कर दिया।
बताया जा रहा है कि आईपीएस अधिकारी ध्रुमन निंबाले खनन माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाले एक बड़े ईमानदार अधिकारी के तौर पर जाने जाते है। बताया जाता है कि कुछ समय के भीतर यानी 8 वर्ष में 18 बार स्थानांतरण हो चुका है। किसी राजनीतिक दल को इनकी ईमानदारी पसंद नहीं आती है, इसलिए इन्हें जल्द ही अपने रास्ते का कांटा हटाने के लिए स्थानांतरण कर दिया जाता है। यह जिला तरनतारन, पठानकोट, होशियारपुर में बतौर एसएसपी रह चुके है। वहां पर इनकी हमेशा ही चर्चा रही है कि रेत खनन माफिया को जड़ से समाप्त किया। अब इन्हें चूंकि, होशियारपुर से स्थानांतरण कर श्री मुक्तसर साहिब एसएसपी लाया गया। कहीं न कहीं सूत्रों से पता चला रहा है कि यह एक प्रकार से राजनीति के शिकार हुए है।
कांग्रेस के शीर्ष नेता तथा जालंधर से कांग्रेसी विधायक परगट सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट में साफ तौर पर लिखा है कि यह आम आदमी पार्टी का किस प्रकार का बदलाव है। एक ईमानदारी आईपीएस अधिकारी ने रेत खनन माफिया की वसूली करने वाले गैंग का पर्दाफाश करने को इनाम की बजाय, उसका स्थानांतरण कर दिया गया। आप ने तो सत्ता में आने से पूर्व रेत खनन माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई का जनता को भरोसा दिया था। अब जिस अधिकारी ने बड़ी कार्रवाई की। उसका स्थानांतरण कर दिया गया।
इसी प्रकार विधानसभा हलका कादियां से कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने भी आम आदमी पार्टी के खिलाफ बड़ा सवाल खड़े करते कहा कि एक जांबाज अधिकारी का स्थानांतरण कर सरकार की अच्छी मंशा नहीं है। ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए। ईमानदारी अधिकारियों की सरकार को सम्मान देना चाहिए।
उधर, आम आदमी पार्टी के एक प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि उनकी इस मामले को लेकर साफ मंशा है। प्रशासनिक फेरबदल एक रूटीन है। इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। किसी को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सरकार अब भी स्टैंड स्पष्ट है कि प्रदेश रेत खनन माफिया को जड़ से समाप्त करना है।