पंजाब के विद्युत मंत्री ने केंद्रीय कोयला मंत्री-विद्युत मंत्री से मुलाकात…..संकट गहराने को लेकर कोयला तथा अतिरिक्त ग्रिड मेगावाट की मांग की
एसएनई नेटवर्क/चंडीगढ़/दिल्ली।
पंजाब में बिजली का संकट काफी गहरा गया है। शहरी क्षेत्र में 2-3 घंटा तथा ग्रामीण क्षेत्र में 7 घंटा बिजली कट लग रहा है। हर कोई परेशान है। गहराते संकट को भांपते हुए बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने दिल्ली में केंद्रीय कोयला मंत्री तथा विद्युत मंत्री से मुलाकात की। उनसे अतिरिक्त कोयला तथा विद्युत की मांग की गई। दोनों केंद्रीय मंत्रियों ने पंजाब के विद्युत मंत्री को आश्वासन दिया कि उनकी हर मांग पर गंभीरता से विचार किया जाएगा तथा जल्द ही इसे पूरा करने पर विचार होगा।
दरअसल, पंजाब में गेहूं की कटाई का काम जोर शोर से चल रहा है। कुछ माह की भीतर पैडी सीजन आरंभ होने जा रहे है। इसके लिए अतिरिक्त विद्युत की जरूरत पड़ेगी। बिना केंद्र के सहयोग से पंजाब में विद्युत पूर्ति नहीं हो सकती है। इधर, पंजाब में पिछले वर्ष के मुकाबले गर्मी अधिक पड़ रही है। तापमान पिछले साल के मुकाबले 5 डिग्री अधिक है। घर तथा कार्यालय में अप्रैल माह में कूलर तथा एसी का प्रयोग शुरु हो गया। बिजली का प्रयोग अधिक हो रहा है। बिजली की मांग के मुकाबले पूर्ति इतनी अधिक नहीं है। जिस कारण बिजली संकट बढ़ सकता है। परिस्थितियां काफी संकटमय है।
लगभग प्रतिदिन 7 हजार मेगावाट पंजाब में बिजली की जरूरत है। जबकि, कोयला संकट की वजह से प्रांत में बिजली पूर्ति काफी कम है। इस वजह से विद्युत विभाग को प्रतिदिन कट लगाने पड़ रहे है। बताया जा रहा है कि तापमान की जिस प्रकार से वृद्धि हो रही है, उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि पंजाब में आने वाले दिनों में बिजली संकट ओर अधिक गहरा सकता है। इस बात का भी मालूम हुआ है कि पंजाब अतिरिक्त विद्युत अन्य राज्यों को बेचता भी है। लेकिन परिस्थितियों को नियंत्रण में रखने के लिए , उसे अब पंजाब में ही बिजली की पूरी पूर्ति करनी होगी।
इतना आसान भी नहीं है राह
चूंकि, पंजाब के बिजली मंत्री केंद्र के कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी तथा विद्युत मंत्री आरके सिंह से बिजली संकट को लेकर कोयला तथा विद्युत की अधिक पूर्ति के लिए मांग तो जरुर करके आए है। लेकिन, इस मांग को केंद्र द्वारा पूरा करना उनके हाथ पर निर्भर करता है। वैसे भी पिछले दिनों केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को साफ कर दिया है कि कोयला की मांग को राज्य सरकार खुद ही निपटें। अब देखना होगा पंजाब में आप नेतृत्व सरकार, इस समस्या का समाधान कैसे निकाल पाती है।