वरिष्ठ पत्रकार.चंडीगढ़।
पति को पत्नी के विरुद्ध क्रूरता करने के लिए दिए तलाक के आदेश को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। न्यायालय का मानना है कि उसने अपने पति को अपमानित किया और उस पर अपने परिवार से अलग होने के लिए दबाव डाला। पारिवारिक न्यायालय ने इस आधार पर तलाक दिया था कि पत्नी ने अपने पति पर अपने परिवार से अलग होने के लिए दबाव डालकर क्रूरता की थी और इस संबंध में उसका अपमान किया। उसके साथ दुर्व्यवहार किया।
न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और न्यायमूर्ति सुखविंदर कौर ने कहा कि आरोप लगाने वाले पक्ष को रिकॉर्ड पर यह साबित करना होगा कि जिस पक्ष के विरुद्ध शिकायत की गई है, उसका व्यवहार ऐसा रहा है कि उसने उक्त पक्ष के लिए शिकायत की गई पार्टी के साथ रहना असंभव बना दिया है।
पति ने तर्क दिया कि उसकी शादी 2018 में हुई थी और उसके बाद पत्नी ने उस पर अपने परिवार से अलग रहने का दबाव बनाना शुरू कर दिया। वह उसके खिलाफ गंदी भाषा का इस्तेमाल करती थी। वह अपने ससुराल वालों को परेशान करती थी और परिणामस्वरूप उसके ससुर ने आत्महत्या कर ली। हालांकि, पत्नी और उसके पिता को मामले में बरी कर दिया गया था।
न्यायालय ने निष्कर्ष निकाला कि अपीलकर्ता-पत्नी द्वारा की गई क्रूरता के संबंध में तलाक याचिका में लगाए गए आरोपों को प्रतिवादी-पति ने साक्ष्यों के आधार पर साबित कर दिया, जबकि प्रतिवादी-पति के साक्ष्य का खंडन करने के लिए अपीलकर्ता-पत्नी की ओर से कोई साक्ष्य नहीं था।