समझ लीजिए…..गैर-कानूनी तरीके से चल रहे है बटाला के कुछ आईलेट्स सेंटर की अब खैर नहीं….आशंका कई विद्यार्थी गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल……कल की जानकारी में होगा बड़ा खुलासा
नितिन धवन.गुरदासपुर/चंडीगढ़।
बटाला में दिन प्रतिदिन बढ़ रहे क्राईम ग्राफ को नीचे लाने के लिए विशेष शाखा और आपराधिक खुफिया ने एक बड़ा कदम उठाने के संकेत दे दिए है।शहर में जितने भी आईलेट्स सेंटर चल रहे है। उनसे वहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थियों से संबंधित जानकारी( पता-मोबाईल नंबर) संख्या की पूरी डिटेल विस्तार के साथ मांग ली गई। इस बात का विवरण , विशेष शाखा और आपराधिक खुफिया की जारी पत्र में खुलासा हुआ।
समझ लीजिए, अब शहर में कुछ गैर-कानूनी तरीके से चल रहे आइलेट्स सेंटर की अब खैर नहीं है। आशंका, इस बात भी जताई जा रही है कि इनमें कुछ विद्यार्थियों के नाम गैर-कानूनी गतिविधियों में भी है। फिलहाल, इस बारे कोई अब तक औपचारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई।पता चला है कि बटाला शहर में लगभग तीन दर्जन से ऊपर आइलेट्स सेंटर चल रहे है। जिनमें विभाग को पूरा प्रमाण के साथ संदेह है कि 10 के करीब आईलेट्स सेंटर गैर-कानूनी या फिर केंद्रीय विभाग के अधीनकृत नहीं है। कोई किसी प्रकार से पंजीकरण नहीं हो रखा है। इनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होने का पक्का संकेत मिल चुका है।
एक बात यह भी सामने आ रही है कि पिछले दिनों एक आईलेट्स सेंटर के बाहर गोली चल गई थी। अमृतसर में पकड़े जाने के बाद, अपराधी के संबंध बटाला के एक आईलेट्स सेंटर में एक विद्यार्थी के रूप में पहचान सामने आई थी। इस बात को लेकर भी विभाग सख्त हो चुका है। उनके मुताबिक, शहर में अपराध को समाप्त करने के लिए, इस प्रकार के कदम उठाना ही उचित रहेगा।
सोमवार सुबह साढ़े दस बजे थाना सिटी में आइलेट्स के संचालकों को रिकॉर्ड सहित पहुंचने के लिए बोला गया। चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि विभाग के इतने बड़े फरमान के बाद, उनके भीतर खलबली मच चुकी है। क्योंकि, सूत्रों से मिली खबर मुताबिक, आइलेटस सेंटर में कुछ विद्यार्थियों का विदेश जाने के सपना करने के लिए टेस्ट दौरान किसी फर्जी को बैठा दिया जाता रहा है। उनसे इस काम के लिए लाखों रुपए की ठगी मारने की बात सामने आई। विभाग के पास कई शिकायतें भी जा चुकी है।
चूंकि, अब पंजाब में चुनाव आचार संहिता लागू हो चुकी है। इसमें अब पुलिस तथा अन्य विभाग को गैर कानूनी गतिविधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने के सख्त निर्देश मिल चुके है। बिना किसी राजनीतिक संरक्षण के पुलिस भी अपनी ड्यूटी को पूरी ईमानदारी से निभाने के लिए पीछे नहीं हट रही है।
कुछ अभिभावकों को ऐतराज
जानकारी मिल रही है कि कुछ अभिभावकों ने विभाग की इस कार्रवाई को लेकर ऐतराज जताया है। उनके मुताबिक आइलेटस केंद्र में लड़कियां भी पढ़ती है। ऐसे में मोबाइल मांगना कहीं न कहीं गलत होगा। किसी तरह से लड़कियों की पहचान बिना सबूत के सार्वजनिक करना भी कानूनी रूप से उनके खिलाफ है। जबकि , विभाग के अधिकारी ने इस बात पर अपना स्पष्टीकरण देते कहा कि सिर्फ तो सिर्फ लड़कों का ही मोबाइल नंबर मांगा गया। धारा 91 सीआरपीसी के तहत पुलिस किसी से भी उनका रिकार्ड या फिर मोबाईल नंबर मांग सकती है।
कानूनविद् की राय
कानूनविद् के एक स्पेशल पैनल ने कहा कि पुलिस या फिर खुफिया विभाग किसी का भी रिकार्ड या फिर जानकारी मांग सकती है। पिछले दिनों पंजाब में कुछ देश विरोधी मामले सामने आने पर, देश की एजेंसियां सतर्क है, इसलिए शक होने पर वह इस प्रकार का कदम उठा सकती है।
संदिग्ध गतिविधियां सामने आने पर मांगा रिकार्ड
विशेष शाखा और आपराधिक खुफिया (स्पेशल ब्रांच एंड क्रिमिनल इंटेलिजेंस) के बड़े अधिकारी ने बताया कि पिछले दिनों बटाला में आइलेट्स के बाहर गोली चलने पर कुछ अपराधियों की गिरफ्तारी उपरांत जांच शुरू हुई तो उन अपराधियों का नाता बटाला के कई आइलेट्स सेंटर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों का जुड़ा हुआ।
कई आइलेट्स फर्जी भी चल रहे है। लड़कियों का रिकॉर्ड नहीं मांगा गया। कुछ संदिग्ध गतिविधियों की बात भी सामने आ रही है। कल सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।