एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
नाभा जेल ब्रेक कांड का मुख्य आरोपी अमनदीप सिंह ढोटियां ने संगरूर जेल में नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। वाक्यात, शनिवार की देर रात का बताया जा रहा है। जेल में तैनात सुरक्षाकर्मी ने गैंगस्टर की हरकत को देख लिया। सिविल अस्पताल लेकर गए। चिकित्सकों के मुताबिक कोई खतरे वाली बात नहीं है। मरहम पट्टी करने के उपरांत, उसे वापस जेल भेज दिया गया। गैंगस्टर पर सुरक्षाकर्मी कड़ी नजर रख रहे है। जेल सहायक अधीक्षक राम लाल के बयान पर नजदीकी थाना में आत्महत्या करने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया। अमनदीप सिंह ढोटिया पंजाब पुलिस के रिकार्ड मुताबिक ए-श्रेणी का कुख्यात गैंगस्टर है। वह नाभा जेल ब्रेक कांड का मुख्य अभियुक्त था। उस अपराध की वजह से केंद्रीय जेल संगरूर में बंदी है। इसके ऊपर चौबीस घंटा पुलिस का कड़ा पहरा रहता है।
शनिवार की रात अमनदीप सिंह ने तेजधार हथियार के साथ अपनी नस काट ली। एकदम सुरक्षाकर्मी की नजर गैंगस्टर पर पड़ गई। उसने इस बात की सूचना जेल के सहायक अधीक्षक को दी। खून से लथपथ अमनदीप सिंह ढोटियां को कड़ी सुरक्षा के बीच सिविल अस्पताल ले जाया गया। वहां पर उपस्थित सीनियर डाक्टर ने अपनी देखरेख में इलाज किया। जानकारी देते सीनियर चिकित्सक ने बताया कि जख्म इतना गहरा नहीं है। अच्छी बात रही कि नस कटने से बच गई। मरहम पट्टी कर दी गई। जेल प्रशासन अमन को देर रात अस्पताल ले आया। सुरक्षा में कड़ा पहरा लगा दिया गया। हर गतिविधि को ध्यानपूर्वक तरीके से देखा जा रहा है। जेल प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि मामला उनके ध्यान में आ गया था। इलाज कराकर, उसकी सुरक्षा में सुरक्षाकर्मियों को बढ़ा दिया गया। पल-पल नजर रखी जा रही है। नजदीकी थाना अमनदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया।
कौन है अमनदीप सिंह ढोटियां
अमनदीप सिंह ढोटिया आपराधिक घटनाओं की वजह से पुलिस रिकॉर्ड में ए-श्रेणी का गैंगस्टर है। फिलहाल, संगरूर की जेल में बंद है। इस पर कई दर्जन आपराधिक मामले विभिन्न थाना में दर्ज है। हत्या, रंगदारी, नशा, लूटपाट से लेकर कई संगीन धाराओं के अधीन मामले चल रहे है। नाभा जेल ब्रेक कांड में अमनदीप काफी चर्चा में आ गया। पुलिस की स्पेशल टीम ने इसे दबोच लिया था। उसके बाद संगरूर जेल में कैद है।
आत्महत्या की रही क्या असल वजह…..बड़ा रहस्य
गैंगस्टर अमनदीप सिंह ढोटिया ने आत्महत्या का प्रयास क्यों किया। यह एक प्रकार से बड़ा रहस्य है। इतना ही नहीं, जेल प्रशासन ने भी इस बारे कोई जानकारी स्पष्ट नहीं की। बड़ा सवाल, उसके पास तेजधार हथियार कैसे आया। किसकी अनुमति से जेल के बैरक में आया। यह एक प्रकार से जांच का बड़ा विषय है। फिलहाल, जेल प्रशासन भी इस घटनाक्रम के उपरांत सवाल के घेरे में आ चुका है। अब देखना होगा कि इस मामले को लेकर कोई जांच टीम गठित की जाती है या फिर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है।