चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ की गई टिप्पणी को लेकर आयोग ने अपनाया सख्त रुख
एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
पूर्व कांग्रेस प्रदेश समिति के अध्यक्ष तथा शीर्ष कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ की समस्याएं कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। अब वह पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ दिए एक बयान को लेकर बुरी तरह से फंस चुके हैं। इस मामले पर पंजाब अनुसूचित जाति आयोग ने कड़ा संज्ञान लेते हुए जालंधर के पुलिस आयुक्त को आदेश जारी करते कहा कि सुनील जाखड़ के खिलाफ 15 दिन में जांच-पड़ताल पूरी कर उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए।
इतना ही नहीं, अगर आप ने (पुलिस आयुक्त) तय समय में कोई कार्रवाई नहीं की तो आपको आयोग के समक्ष पेश होना होगा। बताया जा रहा है कि जाखड़ ने पिछले दिनों एक निजी चैनल को दिए अपने साक्षात्कार में पूर्व मुख्यमंत्री चन्नी के खिलाफ अनुसूचित जाति समाज से जुड़ी एक टिप्पणी की थी। इसलिए आयोग ने जाखड़ के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है।
पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 में कांग्रेस को बुरी तरह से पराजय का मुंह देखना पड़ा। इस बात को लेकर शीर्ष कांग्रेस नेता सुनील जाखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। चन्नी को ही इस हार का जिम्मेदार उन्होंने (सुनील जाखड़) द्वारा ठहराया जाने लगा। हद तो तब हो गई, जब जाखड़ ने एक निजी चैनल को अपने इंटरव्यू में साफ तौर पर चन्नी की तरफ इशारा करते हुए कहा कि हाईकमान तथा कांग्रेस के राष्ट्रीय नेताओं को इस प्रकार के नेता को झोली में नहीं बैठाना चाहिए। इन लोगों की जगह नीचे की तरफ होती है। फिर क्या था जाखड़ को दलित समाज से जुड़े कांग्रेसी नेताओं ने घेर लिया। उनके खिलाफ बयानबाजी करते कहा कि जाखड़ को इस प्रकार अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। दलित समाज से जुड़े कांग्रेस के मतदाता काफी नाराज है। पार्टी हाईकमान से मांग की कि उन्हें तत्काल पार्टी से निष्कासित कर देना चाहिए। जबकि, इस पूरे मामले को लेकर सुनील जाखड़ सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांग चुके है।
ठीक दो दिन पहले कांग्रेस की अनुशासन कमेटी द्वारा सुनील जाखड़ कारण बताओ नोटिस जारी किया। पता चला है कि हाईकमान ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है। चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि जाखड़ द्वार अगर कोई उचित जवाब नहीं दिया गया तो उन्हें पार्टी से निष्कासित भी किया जा सकता है। हालांकि, पंजाब के एक पूर्व विधायक ने जाखड़ का समर्थन भी किया है। लेकिन अनुसूचित-जनजाति आयोग का जाखड़ के प्रति कड़ा रुख, उनके लिए मुश्किलें आने वाले समय में बढ़ भी सकती है। अंदाजा , इसी बात से लगाया जा सकता है कि आयोग ने जालंधर पुलिस आयुक्त ( सीपी) को जांच-पड़ताल का आदेश जारी कर 15 दिन में जाखड़ के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के अधीन मामला दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया।