वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर चंडीगढ़।
राज्य में बिजली संकट गहराता जा रहा है। प्रतिदिन बिजली 2 से 4 बार अनिश्चितकालीन कट ने पंजाब की जनता का जीना मुहाल कर रखा है। राज्य सरकार द्वारा फ्री बिजली सुविधा देने का पंजाब में एक बहुत बड़ा वर्ग जोर से विरोध कर रहा है। उनके मुताबिक, अगर आप बिजली सप्लाई पूर्ण नहीं दे सकते तो क्या फायदा फ्री बिजली देने का, इससे बेहतर है कि बिजली सस्ता कर निर्विघ्न सप्लाई देनी चाहिए, ताकि, पंजाब की जनता राहत की सांस ले सकें। बुधवार को पंजाब के वरिष्ठ समाजसेवी प्रवीण सहगल आम जनता की समस्या सुन रहे थे, उस दौरान उन्होंने पंजाब सरकार पर प्रहार करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने ऐलान किया कि अब वक्त आ गया है कि जनता को एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का , अब हमें पीछे नहीं हटना होगा, बल्कि सरकार को मुंहतोड़ जवाब देना होगा।
सहगल के मुताबिक, राज्य में कुछ समय से बिजली संकट काफी गहरा गया है। कई घंटों तक राज्य के अलग-अलग क्षेत्र में बिजली कट लगने आरंभ हो गए है। ऊपर से गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। इतना ही नहीं, बिजली कट की वजह से व्यापार पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। लोगों में इस बात की हाहाकार मच चुकी है। लोग सरकार से जवाब मांग रहे है, जबकि, सरकार चुप होकर बैठ गई। सहगल ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को लोकसभा (आम) चुनाव में पराजय का मुंह देखना पड़ा, इसलिए, सरकार आम जनता से इसी बात का बदला ले रही है। लेकिन, सरकार की इस प्रकार की नीति को बिल्कुल ही बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। राज्य सरकार दिल्ली की तर्ज पर हर फैसला लेने का दावा करती है लेकिन उन्हें भली भांति इस बात का पता होना चाहिए कि वहां पर बिजली कट लगते नहीं है, वहां पर निर्विघ्न जनता को बिजली सप्लाई की सुविधा मिलती है।
शिकायत नंबर 1912 बिल्कुल बेकार
सहगल के मुताबिक, पावर काम ने बिजली से संबंधित समस्या के लिए शिकायत नंबर 1912 जारी कर रखा है। कोई भी वहां पर संपर्क पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। लेकिन हैरान करने वाली बात है कि अब इस नंबर को पीछे से कोई नही उठता है। सहगल ने आरोप लगाया कि यह बिल्कुल बेकार नंबर है। लोगों को मूर्ख बनाने का सबसे अच्छा जरिया है। इससे अच्छा है कि इस नंबर को बंद ही कर देना चाहिए। कम से कम लोग परेशान होने से तो बच जाए।
बड़े अधिकारी नाम के……काम में है जीरो
सहगल ने पावरकाम के बड़े अधिकारियों पर आरोप लगाते कहा कि यह तो अब सिर्फ नाम के ही अधिकारी रह चुके है। काम इनका बिल्कुल जीरो है। संपर्क नंबर तो जरुर सार्वजनिक तौर पर दिए गए है, लेकिन, कोई अधिकारी नंबर को नहीं उठाता है। सरकार से पूछना चाहेंगे कि अब हम अपनी समस्या लेकर जाए तो कहा जाए। अंत में सिर्फ एक ही रास्ता शेष है वो है कि सड़कों पर उतर कर सरकार तथा प्रशासन के खिलाफ विरोध करने का। चेतावनी देते कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो यह रास्ता भी अपनाने में पीछे नहीं हटेंगे।