वाह, रे…..मान साहब, सिर्फ तो सिर्फ गिनाई अपनी सरकार की उपलब्धियां, लेकिन, कानून व्यवस्था तथा विपक्ष के जवाब पर रहे खामोश….।

वरिष्ठ पंजाब ब्यूरो.एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

गैंगस्टरों का आतंक खत्म करने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शनिवार को राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति को और मजबूत करने के लिए व्यापक सुधार लाने का ऐलान किया। विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में गैंगस्टरों की गतिविधियों पर नकेल कसना राज्य सरकार का कर्तव्य है। इस दिशा में कानून-व्यवस्था में व्यापक स्तर पर सुधार समय की मुख्य जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही विटनेस प्रोटेक्शन बिल (गवाह सुरक्षा बिल) लाएगी और जेलों को अति सुरक्षित रूप में अपग्रेड करेगी। इस दौरान सीएम ने अपनी सरकार के पूरे हुए वादे और भविष्य की योजनाएं बताईं।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए पहले ही एडीजीपी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में गैंगस्टर विरोधी टास्क फोर्स का गठन किया है। इस टास्क फोर्स को गैंगस्टरों के साथ किसी तरह का लिहाज न बरतने के सख्त आदेश दिए हैं। इस फोर्स को आधुनिक सुविधाएं और साधन मुहैया करवाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरहद पार से नशा और हथियारों की तस्करी रोकने के लिए एसटीएफ ने तकनीकी सहयोग के लिए जिला पुलिस, खुफिया विंग, बीएसएफ, एनसीबी और अन्य एजेंसियों के साथ तालमेल करके बड़ी कार्रवाई शुरू की है।


नशे के खिलाफ जंग का एलान करते हुए मुख्यमंत्री ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि उनकी सरकार ने पुलिस को नशे के तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की हिदायत दी है कि नशा तस्करों के साथ साझेदारी करने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी सूरत में बख्शा न जाए। इसी तरह एसएसपीज/पुलिस कमिश्नरों को भी आदेश दिए हैं कि वह एसटीएफ के साथ मिलकर काम करें और नशा तस्करी में शामिल बड़ी मछलियों को पकड़ें। पुलिस अफसरों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि उनके कार्य क्षेत्र में नशे से निपटने में किसी भी तरह की ढिलाई के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने गिनाईं उपलब्धियां और भविष्य की योजनाएं
अपनी सरकार की उपलब्धियां और भविष्य में किए जाने वाले कार्यों का खाका पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सपने को साकार करने का रास्ता आसान नहीं है। मैं पार्टी स्तर से ऊपर उठकर इस सदन के सभी सदस्यों से सहयोग की उम्मीद करता हूं, जिससे हम एकजुट होकर अपने सपनों के पंजाब के पुनर्निर्माण के लिए अथक मेहनत करके आगे बढ़ सकें।

कम समय देने के विरोध में कांग्रेस का वॉकआउट
पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन शनिवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा को लेकर समय न दिए जाने पर एतराज जताते हुए कांग्रेस के सदस्यों ने पहले तो सदन में हंगामा किया और उसके बाद कांग्रेसी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। इस पर सीएम मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तंज कसा कि कांग्रेस को सुनने की आदत नहीं है, ऐसा वह लोकसभा में भी देख चुके हैं।
कांग्रेसी सदस्यों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के हिमाचल में कार्यक्रम को देखते हुए सदन की कार्यवाही को समय से पहले स्थगित कर दिया गया। विधानसभा में शून्यकाल के दौरान जब विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो रही थी, तब मुख्यमंत्री सदन में पहुंचे तो स्पीकर ने घोषणा की कि अब मुख्यमंत्री राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाब देंगे।


खूब हुआ हंगामा


इस घोषणा के बाद कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेसी सदस्यों का कहना था कि बिजनेस सलाहकार कमेटी की बैठक में तय हुआ था कि सदन की कार्यवाही दो बजे तक चलेगी, लेकिन मुख्यमंत्री के हिमाचल दौरे को देखते हुए बगैर चर्चा के ही राज्यपाल के अभिभाषण को मंजूरी दी जा रही है।
नेता प्रतिपक्ष प्रताप बाजवा ने कहा कि अभी कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन विधायकों का भाषण बाकी है। हंगामे के बीच कांग्रेस विधायक सीटें छोड़कर खड़े हो गए, तब मुख्यमंत्री को अपना भाषण बीच में रोकना पड़ा।

स्पीकर ने कहा कि विधायकों की संख्या के अनुसार धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के लिए कांग्रेस के हिस्से ५५ मिनट आए थे, लेकिन कांग्रेसी सदस्य 30 मिनट बोले। वहीं कांग्रेसी सदस्यों का कहना था कि 44 मिनट केवल एक दिन के थे, आज चर्चा बाकी है। प्रताप बाजवा ने कहा कि सरकार सदन में चर्चा से भाग रही है। राज्यपाल के भाषण पर बोलना विपक्ष का अधिकार है, लेकिन सदन में स्पीकर केवल सरकार का ही पक्ष ले रहे हैं।

हंगामे के बावजूद जब स्पीकर ने विपक्षी विधायकों को बोलने की मंजूरी नहीं दी तो कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए और बाद में सदन से वॉकआउट कर गए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कांग्रेसी सदस्यों के रवैये पर टिप्पणी की कि वह लोकसभा में भी देख चुके हैं, कांग्रेस को सुनने की आदत नहीं है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की तरफ से जवाब दिया।

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