लेखक विनय कोछड़.चंडीगढ़।
समाज के लिए सच्चे हीरो से कम नहीं है पंजाब का सुरमा भाना सिद्धू। इसलिए राज्य की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने लगभग आधा दर्जन झूठे मामले धड़ा-धड़ा दर्ज कर जेल की सलाखों के पीछे जानबूझ कर डाल दिया। पुलिस का थर्ड डिग्री इस्तेमाल करना, इस बात को साबित करता है कि सरकार का भाना के खिलाफ कितना गुस्सा हैं। सच्चे हीरो का कसूर इतना ही था कि उसने नौसरबाज एजेंटों के खिलाफ आवाज उठाई। शायद यहीं बात मान सरकार के भीतर रड़कना शुरु हो गई। कहते है सच्चाई को कोई दबा नहीं सकता, यह तो एक प्रकार से अनमोल रतन हैं। इसलिए सच्चाई के पंजाब की जनता तथा विपक्ष तक सिद्धू के समर्थन में खड़ा हो चुका है तथा मान सरकार को काफी कोस भी रहा हैं। लोकसभा चुनाव निकट आ चुके है, ऐसे में सत्तारूढ़ पार्टी को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता हैं।

हैरान करने वाली बात है कि जो काम राज्य की सरकार लंबे समय से पूरा नहीं कर पाए, उसे पंजाबियों के हीरो सिद्धू ने पूरा कर दिखाया। यूथ से लेकर बुजुर्ग की आवाज बन चुके सिद्धू चाहे सलाखों के पीछे है, लेकिन, उनके समर्थन में पूरा पंजाब तथा उत्तर भारत जनता आ चुकी हैं। जगह-जगह इकट्ठ कर इस बात का संदेश दिया जा रहा है कि जनता मान सरकार के खिलाफ है जो भाना सिद्धू के खिलाफ किया गया। वह सरासर गलत हैं। मत के दम पर सरकार को जवाब दिया जाएगा। पुलिस की कार्यप्रणाली पर हैरानी होती है कि नौसरबाज एजेंट की 10 हजार रुपए मांग करने की शिकायत पर भाना के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। अब तक मोहाली, लुधियाना, मानसा तथा एक 2 अन्य जगह पर इसी प्रकार उनके खिलाफ झूठा पर्चा दर्ज किया गया। आरोप लगा है कि पुलिस ने उनके खिलाफ थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया। जुर्म कबूल करवाने के लिए पुलिस ने ऐसा काम किया। मगर सच्चाई की राह पर चलना भाना की फितरत में लिखा है, इसलिए झूठा गुनाह कबूल नहीं किया।

अदालत में पुलिस उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई। अदालत ने भाना को राहत देते हुए जमानत को मंजूर कर लिया। बताया जा रहा है कि लगभग सभी केस में भाना जमानत पर बाहर आ चुके हैं। अब तो उन्हें राजनीति के बड़े नेता भी समर्थन करने लगे हैं। ताजा उदाहरण विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने एक बयान जारी कर साफ कहा कि भाना के खिलाफ राज्य सरकार गलत कर रही हैं। झूठे केसों में फंसाया जा रहा हैं। यह सरासर गलत तथा गंदी राजनीति की जा रही हैं। सभी विपक्ष की पार्टियां भाना के समर्थन में हैं। आवश्यकता पड़ी तो सड़कों पर संघर्ष किया जाएगा। उधर, लखा सिधाना ने तो मान को चेतावनी दे डाली कि उसे गलत नतीजे भुगतने पड़ सकते है। क्योंकि, यूथ से लेकर आम-जनता सिद्धू के साथ हैं। गांवों में बड़ा इकट्ठ हो रहा हैं। अगर सरकार बाज नहीं आई तो सड़कों को जाम किया जा सकता हैं। उसने तो सिर्फ लोगों के एजेंटों के पास फंसे पैसे निकालने की मुहिम को चालू किया था। कोई गलत काम तो नहीं किया। पता मान सरकार को किस बात की रंजिश हैं। उन्हें अपनी हरकतों में सुधार करना होगा। नहीं तो सरकार नीचे लाने में कोई ज्यादा समय नहीं लगता हैं। वैसे भी जनता वर्तमान सरकार से तंग आ चुकी हैं।

एजेंटों के सताए पीड़ित लोगों का यहां तक कहना है कि सिद्धू भाई ने तो उनके लिए इतना कुछ किया, शायद कोई सरकार भी नहीं ऐसा नहीं कर पाती। एजेंटों से उनके डूबे पैसे बाहर निकलवाएं। किसी का 10 लाख, 15 लाख। लंबे समय से नहीं मिल रहे थे। भाई ने आज तक उनसे कोई पैसा तक नहीं मांगा, जबकि, उनकी मदद कर हम सबका विश्वास जीता। सरकार ने जो कि किया, सरासर गलत हैं। झूठे मामले दर्ज कर इस बात तो साबित कर दिया कि वह सरेआम एजेंटों को बचा रही हैं। पता नहीं एजेंट सरकार को क्या देते हैं। भाई के समर्थन में उन्हें जेल जाना भी पड़ जाए तो पीछे नहीं हटेंगे। हम सब सच्चाई के साथ हैं।

चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि मान सरकार को सिद्धू की सच्चाई नहीं रास आ रही थी। क्योंकि, ज्यादातर वीडियो में वह सरकार पर भी कई बार सवाल खड़ा करता दिखाई दिया। ऊपर से इन्हें जनता का भरपूर समर्थन मिलने लगा था। लोग उनके गांव बड़ी संख्या में पहुंचने लगे थे। किसी सरकार से कम उनका काम नहीं चल रहा था। सरकार को इस बात का भय सताने लगा कि अगर ऐसा माहौल रहा तो उनके लिए काफी चुनौतियां खड़ी हो सकती है, इसलिए झूठे केसों में जानबूझकर फंसा दिया गया। कयास , इस बात के भी लगाए जा रहे है कि आप सरकार को आने वाले समय में राजनीतिक तौर पर काफी बड़ा नुकसान हो सकता हैं। अगर, भाना के समर्थन में जन आंदोलन शुरू हो गया तो इसमें विपक्ष से लेकर अन्य पार्टियां भी कूद सकती हैं।