एसजीपीसी के हस्तक्षेप की वजह से भारत सरकार को फैसला लेने के लिए किया मजबूर
एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।
सिख कर्मचारियों को देश के हवाई अड्डों पर कृपाण के साथ अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकने के आदेश को भारत सरकार ने वापस ले लिया है। यह फैसला शिरोमणि गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने नौ मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताने के उपरांत लिया गया।
ज्ञात रहे कि पिछले दिनों भारत के नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा एक अधिसूचना जारी की गई थी, जिसमें देश भर के हवाई अड्डा में काम करने वाले अमृतधारी सिख कर्मचारियों पर कृपाण ले जाने से रोक दिया गया था, जिसे एसजीपीसी ने दृढ़ता से कड़ा संज्ञान लिया। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने नौ मार्च को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा था कि यह सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा हमला है और इसलिए अधिसूचना जारी नहीं होनी चाहिए। तत्काल इसे वापस लिया जाए। भारत सरकार द्वारा जारी संशोधन आदेश के संबंध में अधिवक्ता धामी ने कहा कि हालांकि सर्कुलर में संशोधन करना अच्छा विचार है, भारत सरकार को ऐसी अधिसूचना जारी करने से पहले सोचना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि सिखों ने हमेशा भारत के लिए संघर्ष किया है और शहीद हुए हैं और सरकारों को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि सिखों के बलिदान से ही देश की संस्कृति जीवित है। एडवोकेट धामी ने भारत सरकार से यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि सिखों सहित किसी भी धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि देश के प्रत्येक नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार हो।