सिद्धू मूसेवाला की हत्या में एजीटीएफ का बड़ा खुलासा…वारदात में इस्तेमाल हथियार एके सीरीज के थे

सौजन्य इंटरनेट मीडिया

वारदात के बाद मोबाइल पर वीडियो के जरिये गोल्डी बराड़ को सूचना दी गई…मास्टरमाइंड लॉरेंस मोबाइल के जरिए साथियों के संपर्क में रहा

एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में जिन हथियारों का इस्तेमाल किया गया, वह एके सीरीज के थे। इस हत्याकांड की जांच में जुटी एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) के एडीजीपी प्रमोद बान ने गुरुवार को पुलिस मुख्यालय में बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मूसेवाला हत्याकांड के संबंध में कई अहम खुलासे किए। उन्होंने बताया कि इस मामले में मूसेवाला की रेकी करने वाले संदीप केकड़ा के साथी बलदेव निक्कू को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया, जिसने न सिर्फ केकड़ा के साथ रेकी की बल्कि मूसेवाला जैसे ही अपनी थार में घर से निकले, इन दोनों ने बाइक पर उनका पीछा किया और आगे मोड़ पर पहले से बोलेरो और कोरोला वाहनों में सवार शूटरों को इशारा भी कर दिया। वारदात के बाद इन दोनों ने मोबाइल पर वीडियो के जरिये गोल्डी बराड़ को इसकी सूचना भी दी।

एडीजीपी ने बताया कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई से अब तक पूछताछ में यह साफ हो चुका है कि मूसे वाला हत्याकांड का मास्टरमाइंड लॉरेंस ही था और वह तिहाड़ जेल से मोबाइल के जरिये अपने साथियों के साथ संपर्क में रहा।


25 मई को ही मानसा पहुंच चुके थे शूटर
पूछताछ में यह भी पता चला है कि सारी प्लानिंग गोल्डी बराड़ के कहने पर सचिन बिश्नोई और अनमोल ने की थी। बाद में लॉरेंस बिश्नोई ने सचिन और अनमोल को अप्रैल के दौरान ही जाली पासपोर्ट के जरिये देश से बाहर भेज दिया। इस संबंध में मोहाली में अलग से केस दर्ज किया गया है। विदेश से ही सचिन ने एक टीवी चैनल को फोन कर मूसेवाला को अपने हाथों से मारे जाने की बात कही, जो जांच को भटकाने की एक चाल थी। 29 मई को मूसेवाला की हत्या से पहले 25 मई को एक गाड़ी मानसा में मूसेवाला के इलाके में ट्रेस की गई थी, जिससे साफ हो गया है कि शूटर 25 मई को ही मानसा पहुंच चुके थे, जहां उन्हें हथियार मुहैया कराए गए।


मूसेवाला हत्याकांड में 19 अन्य लोग भी गिरफ्तार
एडीजीपी ने बताया कि लॉरेंस बिश्नोई को गिरफ्तार करके पंजाब लाया गया है और उससे गहन पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा दिल्ली पुलिस द्वारा पकड़े गए शूटर प्रियव्रत फौजी से भी गहराई से पूछताछ की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि अब तक जांच में काफी कुछ साफ हो चुका है। ये हथियार कहां से लेकर आते थे और इनके सहायक कौन-कौन लोग हैं, कौन लोग इन्हें अपराध के लिए पैसा और शरण देते हैं। 

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