”सिद्वू” के लुच्चे दोस्त ”कपिल शर्मा” ने ”दा कश्मीर फाइल्स” की स्टार कास्ट को अपने शो में नहीं बुला कर हिंदू विरोधी का दिया परिचय

प्रधानमंत्री तथा वैश्विक स्तर पर फिल्म को मिल चुका है सम्मान तथा प्रशंसा….हर किसी के जुबान पर फिल्म प्रति उचित भावना

एसएनई नेटवर्क.चंडीगढ़।

नवजोत सिंह सिद्वू के लुच्चे दोस्त हमेशा ही अपने कपिल शर्मा शो में फिल्मी से जुड़ी अभिनेत्रियों तथा दर्शक महिलाओं के साथ भद्दा मजाक करते हुए दिखाई देते है। जो फिल्में समाज में गंदगी को बढ़ावा दे रही है, उनकी टीम को कपिल शर्मा प्राथमिकता के आधार पर आमंत्रित करते है तथा प्रमोशन करने में भी पीछे नहीं रहते है। जबकि, दा कश्मीर फाइलस की स्टार कास्ट को अपने शो से इंकार कर कपिल शर्मा ने नए विवाद को जन्म दे दिया। लेकिन, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर वैश्विक स्तर पर इस फिल्म को सम्मान तथा भरपूर प्रशंसा भी मिल रही है। क्योंकि, फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। कैसे कश्मीर के काले दौर में हिंदू कश्मीरी पंडितों तथा बहनों तथा महिलाओं के साथ अत्याचार तथा शारीरिक उत्पीड़न तक किया गया। 

इस फिल्म को बनाने वाली टीम तथा केंद्र की भाजपा सरकार की भी जितनी प्रशंसा की जाए, उतनी ही कम है। क्योंकि, दुनिया के सामने सच्चाई लाने के लिए सरकार तथा उस कृत्रिम को समाज के समक्ष रखने में बल की काफी आवश्यकता होती है। जिसे हर किरदार बखूबी तरीके से निभाकर देश के प्रति एक सच्ची भावना तथा देश भक्ति को सामने रख कर एक सराहनीय कार्य किया।

बताया जा रहा है कि इस फिल्म में किरदार निभाने वाले एक उच्च कोटि के अदाकर है, जिन्होंने इस फिल्म में अपने किरदार को अतीत की सच्चाई को वर्तमान में निभाया। फिल्म में कश्मीरी पंडित परिवारों तथा उनकी महिलाओं के दुराचार करने के प्रयास को समाज के सामने दिखाया गया। 

हैरान करने वाली बात है कि अगर फिल्म जगत में किसी ने सच्चाई को सामने दिखाया ही है तो उसकी सारी टीम को  बड़े टीवी चैनल पर चलने वाले टीवी शो को आमंत्रित करके , उनकी प्रशंसा करने के साथ-साथ सम्मानित भी करने से पीछे नहीं हटना चाहिए। इससे इन टीवी शो चलाने वालों की लंबे समय तक शायद साख भी बच सकती है। वर्तमान में भी समाज का एक बड़ा वर्ग सच्चाई के साथ चलता है।

सच्चाई से जुड़ी घटनाओं को दिखाने वाली फिल्म तथा ड्रामाज को काफी पसंद करता है। लेकिन, कुछ टीवी चैनल गंदगी को पेश कर हमारे समाज तथा वर्ग का बेड़ागर्क कर रहे है। उन्हें सिर्फ तो सिर्फ पैसे की चाहत ही है। उन्हें सच्चाई की घटनाओं पर आधारित फिल्में या फिर ड्रामाज में काम करने वाले कलाकारों से कोई लेना-देना ही नहीं है। समाज के एक वर्ग ने तो देश के प्रधानमंत्री से आग्रह करते कहा कि गंदे प्रचलन को बढ़ावा देने वाले चैनल तथा फिल्मों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। इन लोगों की कोशिशों ने समाज को तबाह करने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी है। 

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