एसएनई न्यूज़.दिल्ली।
कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी सांसद पत्नी परनीत कौर के साथ दिल्ली के सरकार आवास में ठहरे है। इस बात के कयास तेज हो गए कि दिल्ली के मंत्रियों से मुलाकात करने के उपरांत भाजपा में शामिल होने की संभावना तेज हो गई है। इससे पहले कांग्रेस को छोड़ने की अपनी बात कह चुके है। भाजपा में नहीं शामिल होने की बात भी दोहरा चुके है। फिलहाल , कैप्टन की तरफ से किसी ने अधिकारिक तौर पर ट्वीट कर इस बारे कोई जानकारी नहीं दी। चर्चा , इस बात की शुरू हो चुकी है कि दिल्ली में थोड़े दिन के भीतर कैप्टन का आना किसी बड़ी बात की ओर इशारा करता है।
पिछले हफ्ते कैप्टन ने पहली मुलाकात देश के गृह मंत्री अमित शाह से की थी। उसके उपरांत देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से पंजाब की सुरक्षा को लेकर लंबी चर्चा की थी। इन दोनों मुलाकात से पंजाब की राजनीति में चर्चा इस बात की छिड़ गई थी कि कैप्टन भाजपा में शामिल होने जा रहे है तथा उन्हें केंद्र में कृषि मंत्री लिया जा सकता है। जबकि, इन सभी कयासों पर तब विराम लग गया, जब कैप्टन ने मीडिया में अपना बयान जारी कर कहा कि वह भाजपा में नहीं शामिल होने जा रहे है।
फिर उसके बाद चर्चा शुरू हुई कि कैप्टन किसानों के हितैषी नेता माने जाते है। दिल्ली सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए उन्होंने किसानों के पंजाब की सीमा के रास्ते खोल देने तथा हर संभव मदद देने का ऐलान कर दिया गया। गन्ना किसानों के समर्थन मूल्य को लेकर कैप्टन ने उनकी मांग को स्वीकार कर लेना तथा एक-दूसरे के साथ मुंह मीठा कराने जैसे तस्वीरों ने कैप्टन तथा किसानों के बीच प्यार की नींव को पक्का कर दिया।
केंद्र की भाजपा सरकार को भी मानकर चल रही है कि अगर कैप्टन भाजपा में शामिल हो जाते है तो उनके लिए भी फायदेमंद हो सकता है। किसानों तथा सरकार के बीच दूरियां को लेकर सुलझाया जा सकता है। इसके लिए कैप्टन ही एकमात्र चेहरा है जो इस मुद्दे का समाधान निकाल सकते है।