बेरोजगारी दर में 10.3 प्रतिशत की वृद्धि पुरुषों से काफी ज्यादा है बेरोजगार महिलाओं की संख्या
नितिन धवन /दिल्ली ।
एक सर्वे में दावा किया गया है कि पिछले साल अक्टूबर -दिसंबर में बेरोजगारी की दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एन.एस.ओ) द्वारा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के मुताबिक, सभी उम्र के लिए भारत की बेरोजगारी दर अक्टूबर- दिसम्बर 2020 में बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गई, जबकि इसमें एक साल पहले इसी महीने में यह 7.9 प्रतिशत थी।
सर्वेक्षण के अनुसार शहरी क्षेत्रों में सभी उम्र के लिए श्रम बल की भागीदारी दर में भी वृद्धि देखी गई है अक्टूबर- दिसम्बर 2020 में महिला बेरोजगारी दर 13.1 प्रतिशत रही, जो इससे एक साल पहले की अवधि में 9.8 प्रतिशत थी, शहरी पुरूषों के लिए यह अकतूबर- दिसम्बर 2019 में 7.3 प्रतिशत और जुलाई – सितम्बर 2020 में 12.26 प्रतिशत थी।
कब शुरू हुआ आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण
बेरोजगारी दर को श्रम बल में बेरोजगार व्यक्तियों के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया गया है वह श्रम बल जनसंख्या के उस हिस्से को दर्शाता है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन के लिए आथिर्क गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए श्रम की आपूर्ति दिसंबर 2019, मार्च 2020, जून 2020 और दिसंबर 2020 को समाप्त तिमाही के लिए आवधिक सर्वेक्षण के आठ बुलेटिन पहले की जारी किए जा चुके हैं बीस करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंकाइससे पहले संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अप्रत्याशित तबाही से अगले साल बीस करोड़ लोगों के बेरोजगार होने की आशंका है, अभी 10.8 करोड़ कामगार गरीब या अत्यंत गरीब की श्रेणी में पहुँच गए है ।
संयुक्त राष्ट्र की श्रम एजेंसी अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संगठन (आईएलओ) ने विश्व रोजगार और सामाजिक परिदृश्य :रुझान 2021 की रिपोर्ट में कहा है कि कोविड- 19 महामारी से श्रम बाजार में पैदा संकट खत्म नहीं हुआ है, नुकसान की भरपाई के लिए रोजगार वृद्धि कम से कम 2023 तक नाकाफी होगी।