पंजाब विधानसभा चुनाव पर भाजपा का चुनावी दांव…जगतार सिंह हवारा की रिहाई पर ले सकती है बड़ा फैसला केंद्र……पंजाब में कर्ज माफी पर हो सकता है महत्वपूर्ण निर्णय

प्रतीकात्मक तस्वीर

पंथक वोट को खींचने की तैयारी में भाजपा…शिअद को हो सकता है बड़ा नुकसानकेंद्रीय भाजपा सरकार के सूत्रों से मिली पुख्ता रिपोर्ट का दावा

नितिन धवन. दिल्ली।

पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार बड़ा चुनावी दांव खेलने की तैयारी में जुट गई। पार्टी के विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक, पूर्व सीएम बेअंत सिंह की हत्या में सतायफ्ता आतंकी की ताउम्र सज़ा को माफ कर रिहाई पर भी बड़ा फैसला ले सकती है। इसके साथ-साथ पंजाब किसानों के वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए पूर्ण कर्ज माफी पर भी निर्णय हो सकता है।

3 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिरोजपुर दौरे दौरान, इस बात का आधिकारिक रूप से ऐलान भी हो सकता है। चर्चा, इस बात की पूरी चल रही है कि पंजाब में चुनावी समीकरण बदलने के लिए भाजपा पंथक वोट खींचने में पूरी तैयारी कर चुकी है। उनकी चुनाव समिति ने इस पर खाका भी तैयार कर लिया। अगर ऐसा संभव होता तो पंजाब में शिअद को बड़े स्तर पर नुकसान हो सकता है।

पिछले दिनों शिअद के सुप्रीमों सुखबीर बादल ने रैली दौरान पंथक दलों को साथ जुड़ने का आह्वान भी किया था। केंद्रीय भाजपा सरकार के सूत्रों से मिली रिपोर्ट में , इस बात का दावा किया जा रहा है। शिअद के गठबंधन से अलग होने के बाद , भाजपा ने फैसला लिया था कि वह अब पंजाब चुनाव विधानसभा चुनाव के 117 सीटों पर खुद चुनाव लड़ेंगी। जबकि, पिछले दिनों पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस तथा सुखदेव सिंह ढींढसा की शिअद के साथ इकट्ठे चुनाव लड़ने का फैसला हुआ। चर्चा, इस बात की भी चल रही है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर सकती है। फिलहाल, दोनों तरफ से किसी प्रकार का कोई औपचारिक रूप से घोषणा का बयान सामने नहीं आई। 

उधर, सिख संगठन सरकार तथा किसानों ने कहा कि अगर सरकार इस पर विचार करती है तो बहुत अच्छा होगा। क्योंकि , लंबे से चल रही मांग पूरे होने का स्वप्न पूरा होगा। अभी तक, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से कोई भी बयान सामने नहीं आया। जबकि समय -समय पर जगतार सिंह हवारा की रिहाई का मुद्दा प्रमुखता से उठाता रहा है। इतना ही नहीं केंद्र सरकार को कई बार पत्र लिखकर इस मुद्दे पर अपनी मांग भी रख चुका है। 

कुछ राजनीतिक पार्टियां, इस मुद्दे को राजनीति से भी जोड़ कर देख रही है। उनके मुताबिक, पंजाब में विधानसभा चुनाव नजदीक है। केंद्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए वह पंजाब में विधानसभा चुनाव में अपनी साख मजबूत करने के लिए , इस प्रकार का राजनीतिक हथकंडा अपना सकती है। पिछले साढ़े चार वर्ष पंजाब के लिए केंद्र की तरफ से कुछ खास नहीं किया गया। अब चुनाव में सब कुछ याद आ रहा है। इसका कोई फायदा नहीं होने वाला है। पंजाब के लोग सूझवान है, उन्हें मालूम है कि अपने मत का इस्तेमाल किस तरफ करना है। 

कौन है जगतार सिंह हवारा

जगतार सिंह हवारा आतंकी गतिविधियों में शामिल था। पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह को बम से उड़ाने के लिए, अदालत ने दोषी करार दिया था। इसके अलावा सुनील कुमार पुलिस अधिकारी की मौत का जिम्मेदार भी है। अदालत ने उसे ताउम्र की सजा सुनाई है। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। हमेशा से ही सिख संगठनों ने हवारा की सजा की माफी को लेकर केंद्र सरकार से मांग की गई। अब देखना होगा कि पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर हवारा की सजा माफी की जाती है। 

किसानों की क्या प्रमुख मांग

पंजाब के किसान हमेशा से ही सरकार से यहीं मांग करते रहे कि उनका कर्ज माफ किया जाए। यह मुद्दा कांग्रेस पिछले चुनाव में लेकर आई थी। उन्होंने किसानों से वादा किया था कि छोटे किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। जबकि किसानों की यह मांग पंजाब की कांग्रेस सरकार पूरा करने में विफल रही। इस मांग को लेकर, किसानों का धरना भी जारी रहा है, जबकि पंजाब सरकार ने उनका कर्ज माफ करने की बात पर सहमति जताई है। अब देखना होगा कि कौन सी राजनीतिक पार्टी किसानों को खुश कर दिखाती है। 

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