वरिष्ठ पत्रकार.दिल्ली।
उत्तर-प्रदेश के रहने वाले एक बदमाश परिवार को एक ही परिवार के 3 सदस्यों की बेरहमी से हत्या करने के आरोप में अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। मामला, रायबरेली से जुड़ा है। बदमाश घुमंतू प्रजाति से जुड़ा है। इसका कार्य डकैती तथा हत्या जैसी संगीन अपराध को अंजाम देना है। परिवार के 8 सदस्य को फांसी जबकि, अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आजीवन कारावास की कठोर सजा पाने वाला पेशे से सुनार बताया जा रहा है। यह कथित अपराधियों से लूट के आभूषण की खरीद करता था। पीड़ित परिवार ने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया। इस केस में फांसी की सजा पाने वालों को अदालत ने पांच लाख तथा आजीवन कारावास की सजा पाने वाले को 15 लाख का जुर्माना लगाया।
वर्ष 2014 में रायबरेली के रहने वाले आयकर विभाग के इंस्पेक्टर रविकांत के घर लूट को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने दबिश दी। वहां से आभूषण लूटने के अलावा इंस्पेक्टर की मां, भाई योगेश तथा भाभी प्रिया की निर्मम तरीके से हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने वाले हसीन, नाजिमा, जुल्फाम, यासीन, हाशिमा, समीर, वाजिद, फरीम थे। इन्होंने बाद में लूट के आभूषण सुनार राजू वर्मा बेच दिए। केस को सुलझाने के लिए पुलिस की विशेष टीम गठित की गई।
टीम ने कड़ी परिश्रम उपरांत सब को एक-एक करके प्रमाण के आधार पर पकड़ लिया। पूछताछ में सभी ने अपना अपराध कबूल कर लिया। पता चला है कि कथित बदमाश कई वारदातों को अंजाम दे चुके है। पुलिस को इनकी लंबे समय से तलाश थी। अपराध को अंजाम काफी शातिराना तरीके से देते थे। पीछे कोई भी साक्षय नहीं छोड़ कर जाते थे। पता चला है कि पुलिस ने इस केस को सुलझाने के लिए वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया था। फिर जाकर सभी को पकड़ने में सफलता हासिल हुई थी।
उधर, अभियोजन पक्ष तथा बचाव पक्ष के बीच काफी लंबी बहस हुई थी। बचाव पक्ष उम्र कैद की मांग कर रहा था। अदालत ने इसे जघन्य अपराध की श्रेणी का हवाला देते हुए साफ तौर पर कहा कि ऐसी अपराधी समाज के दुश्मन है। इन्हें बिल्कुल बख्शा नहीं जाना चाहिए। वे बिल्कुल माफी के लायक नहीं है। अपना फैसला सुनाते हुए अदालत ने 8 को फासी की सजा तथा सुनार को आजीवन कारवास की सुनाई। सभी जुर्माना भी लगाया गया।