गौर से देखिए……..स्मार्ट सिटी अमृतसर की तस्वीरें, टूटे जनता-शौचालय में जगह-जगह दुर्गंध, सैलानियों से लेकर आम जनता परेशान, निगम दे इसका जवाब, कौन है इसका जिम्मेदार……….?

एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।

विश्व पटल में अलग पहचान रखने वाला अमृतसर, यहां पर देश-विदेश से प्रतिदिन 1 लाख पार से अधिक संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। यहां का मध्यम केंद्र हाल-गेट हैं। लेकिन, काफी शर्म से कहना पड़ रहा है कि वहां पर स्थित आम-जनता का शौचालय, इन दिनों टूट की कगार पर खड़ा हैं। जगह-जगह दुर्गंध, वहां से गुजरने वाले सैलानियों से लेकर आम-जनता के लिए काफी दिक्कतें पैदा कर रही हैं। हर कोई परेशान हैं। निगम से पहाड़ जैसी मुसीबत के लिए हर कोई जवाब मांग रहा हैं। इतना ही नहीं, इसके लिए सवाल भी खड़े होने लग पड़े है, कौन है, इसका असल जिम्मेदार….।

बताया जा रहा है कि हाल-गेट में स्थित नगर-निगम, अमृतसर ने जनता की सहूलियत के लिए कुछ साल पूर्व में शौचालय बनाया था। दुकानदार से लेकर , आम-जनता को काफी समय तक इसका सुख भी मिला। लेकिन, वक्त बीतता गया। इसकी किसी ने कोई मरम्मत या फिर इसकी सुध तक नहीं ली। अब परिस्थितियां, इस कदर पैदा हो चुकी है कि आम-जनता का शौचालय एकदम टूट के कगार तक पहुंच चुका हैं। कई बार, इस संबंध में निगम को शिकायत दी गई। इसके बावजूद कोई निवारण नहीं निकाला गया। 

निगम अधिकारी जी, सुन ले….हमारी फरियाद……सहगल

मानव अधिकार सुरक्षा काउंसिल के अध्यक्ष प्रवीण सहगल ने एक पत्र नगर-निगम अमृतसर को लिखित में डाला हैं। पत्र में विवरण किया कि लंबे समय से नगर-निगम द्वारा निर्मित जनता का शौचालय टूटने की कगार पर हैं। कोई भी, इस समस्या को सुन नहीं रहा हैं। हर किसी को मुश्किल आ रही हैं। कई बार निगम अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक इसे ठीक करने के लिए बोल चुके है। अब तक किसी ने सुनवाई नहीं की। मांग की कि इस समस्या का निवारण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए, ताकि लंबी समस्या से निजात मिल सकें। 

…..गलत जा रहा है संदेश

आम-जनता ने बातचीत में बताया की कि प्रतिदिन अमृतसर शहर में 1 लाख से अधिक संख्या में सैलानी देश-विदेश से आते है। हाल-गेट शहर का एक मेन रास्ता है। उस रास्ते में स्थित उक्त शौचालय की हालत काफी खस्ता हैं। सैलानी , जब, इस रास्ते गुजरते है तो अक्सर, इसकी दुर्गंध को लेकर मुंह पर रुमाल बांधे देखा जा सकता हैं। इस समस्या की वजह से इनके बीच (सैलानियों) में गलत संदेश जा रहा हैं। 

स्मार्ट सिटी का दर्जा…..फिर भी नियमों की उल्लंघना

विशेषज्ञों के मुताबिक, स्मार्ट सिटी का दर्जा केंद्र सरकार द्वारा स्कीम के तहत मिला हैं। इसके मुताबिक, निगम-सरकार-प्रशासन को हर एक छोटी-बड़ी बात को अहम मान कर चलना पड़ता है। हर नियम की पालना करनी पड़ती है। अगर किसी प्रकार से आम नागरिक को प्रशासनिक संबंधित समस्या आती है, तो उसका मूल्यांकन कर प्राथमिकता के आधार पर हल करना होता हैं। लेकिन, ऐसा नहीं हो रहा है , इसके लिए अब साफ तौर पर स्पष्ट हो रहा है कि नियमों की सरेआम उल्लंघना हो रही हैं।  

किसी ने नहीं उठाया फोन

इस समस्या को लेकर संबंधित विभाग के अधिकारियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन, किसी ने नहीं फोन नहीं उठाया। यह एक प्रकार से सीएम भगवंत मान के उस दावे पर भी सवाल खडा करते है, जिसमें, उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग का अधिकारी प्रदेश की जनता की सेवा में समर्पित हैं। 

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