थाना मोहकम्मपुरा फिर से विवादों के घेरे में…..पति का शव लेकर गिड़गिड़ाती रही पत्नी……..पुलिस ने नहीं सुनी कोई फरियाद

फोटो कैप्शन-आंसू बहाती अपनी व्यथा सुनाती महिला।

जांच अधिकारी बोले……मुझे नहीं मालूम , इस केस के बारे कुछ……..मामला दो दिन पहले हुई झगड़े का

पीड़ित परिवार का आरोप…….ईंट लगने से हुई मौत, पुलिस नहीं दर्ज कर रही कोई बयान 

पवन कुमार.अमृतसर।

इस बार फिर से अपनी नालायकी की वजह से थाना मोहकम्मपुरा पुलिस विवादों के घेरे में आ गई। एक जोड़ा फाटक इलाके की रहने वाली दुखियारी महिला शनिवार रात अपने पति का शव लेकर थाना के बाहर , पुलिस के समक्ष इंसाफ की गुहार लगाती रही, जबकि पुलिस ने उसकी कोई नहीं सुनी फरियाद। आंखों में आंसू लिए महिला का आरोप था कि पुलिस को उसने साफतौर पर बता दिया कि उसके पति की मौत हमलावरों द्वारा फेंके ईंट पत्थरों से हुई, उसके बावजूद पुलिस ने उनका बयान तक नहीं दर्ज किया। 

फोटो कैप्शन—थाना मोहकम्मपुरा के बाहर परिवार प्रदर्शन करता। 

हैरान करने वाली बात यह की कि इस के जांच अधिकारी एएसआई अमरजीत सिंह ने साफतौर पर कह दिया कि मुझे इस मामले के बारे कोई ज्ञान नहीं है। दरअसल, दो दिन दिन पहले जोड़ा फाटक के पास दो पार्टियों के बीच झगड़ा हुआ था। उनमें से एक पार्टी से महिला का बेटा संबंध रखता है। उस दौरान गोली चलने तथा इंट पत्थर फेंकने की बात सामने आई।

इस हमले दौरान महिला का पति रामसर जीवन पेशे से मोची का काम करता था। उसके दिल में इटें लगने से गहरी चोट लग गई। बेहोश होकर जमीन पर गिर गया। आनन-फानन में अस्पताल लेकर गए। निजी अस्पताल ने गुरु नानक देव अस्पताल रेफर कर दिया। तबीयत बिगड़ने पर शनिवार रात को दम तोड़ दिया। 

महिला तथा परिवार शव लेकर थाना मोहकम्मपुरा पहुंच गया। पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया। उस दौरान थाना में आधा स्टाफ गैर हाजिर था। इतना ही नहीं, इस केस के संबंधित जांच अधिकारी भी मौजूद नहीं थे। थाना के मुंशी, महिला के आंसुओं को भांप नहीं पाए तथा महिला हाथ जोड़ अपने आंसू बहाते हुए बिना कोई इंसाफ मिले वापिस घर लौट गई। 

पुलिस की थ्योरी

थाना मोहकम्मपुरा पुलिस की थ्योरी बताती है कि इस केस में महिला के बेटे का दोस्त रोकी तथा उसके अन्य साथियों के खिलाफ गोली चलाने तथा नशा बेचने के आरोप में मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने कहा कि महिला के बेटा तथा अन्य साथी नशा बेचने का धंधा करते है। शाम कुमार जो कि पेशे से टेंटा तथा रेडीमेड की दुकान करता है। दीपावली वाले दिन इनको नशा बेचने से मना किया तथा उसके बाद रोकी ने गोली चला दी, उसके बाद दूसरे गुट ने बचाव के लिए ईंट पत्थर चलाए हो सकते है।

अमृतपाल सिंह, करण, सुखपाल सिंह, रोकी पहले से कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल है। लगभग 8 मामले दर्ज होने की बात सामने आई है। फिलहाल रॉकी फरार है, जबकि अमृतपाल सिंह, सुखपाल  को गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया गया। 

पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल

इस पूरे प्रकरण को लेकर कहीं न कहीं पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े होते है। क्योंकि, पुलिस खुद मानती है कि महिला द्वारा झगड़े के बारे, उन्हें एक बार भी थाना आकर सूचित नहीं किया, जबकि महिला का आरोप है कि पुलिस थाना को फोन पर सूचित कर दिया था। उनके पति के हालत ज्यादा खराब होने की वजह से वह थाना नहीं आ सके। अब, जबकि पुलिस उनकी एक भी बात नहीं सुन रही। 

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