दोपहर 3 बजे से लेकर रात 7 बजे तक एडीसीपी ट्रेफिक से लेकर ट्रैफिक जान-इंचार्ज ट्रैफिक कंट्रोल करने में जुटे
डिप्टी सीएम के साथ सुबह मुलाकात का आश्वासन मिलने उपरांत उठाया मेडिकल अस्थायी कर्मियों ने धरना…….पुलिस ने ली राहत की सांस
एसएनई न्यूज़.अमृतसर।
बुधवार महानगर अमृतसर में स्वास्थ्य संबंधी अस्थायी कर्मचारियों का धरना ट्रैफिक पुलिस के लिए गले की फांस बन गया। पहले इनका धरना पंजाब के उप-मुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी के आवास बाहर लगाया। कोई बात नहीं बनी तो प्रदर्शनकारी भंडारी पुल पर पहुंचकर, वहां पर जाम लगा दिया। लगभग चार घंटा तक अमृतसर में लंबा जाम लगा रहा।राहगीर वाहन चालक खासा परेशान रहें। इतना ही नहीं, ट्रैफिक एडीसीपी हरविंदर सिंह को इस समस्या से निपटने के लिए खुद कमान संभालनी पड़ी।
करीब रात के सात बजे , एडीसीपी द्वारा धरनाकारियों को सुबह उप-मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का भरोसा मिलने के उपरांत धरना उठा लिया गया। तब जाकर ट्रैफिक पुलिस ने राहत की सांस ली। इस बीच हर राहगीर या फिर वाहन चालक को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए लगभग दो घंटा का इंतजार करना पड़ा। इनके चेहरों पर प्रशासन तथा सरकार के खिलाफ साफतौर पर रोष दिखाई दिया। जबकि, उसे जाहिर करने के लिए उनके पास वक़्त की कमी का अहसास दिखाई दिया।
दरअसल, प्रशासन के मुताबिक, शहर में कई जगह विकास कार्य चल रहे है, इसलिए ट्रैफिक समस्या पैदा हो रही है, जबकि सच्चाई यह भी प्रतिदिन देर शाम के उपरांत शहर में ट्रैफिक सिस्टम इतना खराब हो जाता है कि लोग एक-दूसरे की आपसी सहमति के साथ ही उस ट्रैफिक जाम से बाहर निकल पाते है।
कुछ तस्वीरें सामने आई है कि जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि ट्रैफिक समस्या के दौरान पुलिस कर्मचारी मूकदर्शक दिखाई दे रहे है। कोई भी अपनी ड्यूटी को ईमानदारी से निभाता नहीं दिख रहा है। जिसका नुकसान आम राहगीर या फिर वाहन चालक को उठाना पड़ रहा है।
आज के दिन भी ट्रैफिक पुलिस मुलाजिमों की कुछ लाइव तस्वीरें सामने आई। इसमें साफ तौर पर दिख रहा है कि वह ट्रैफिक को सुचारू करने में कोई ड्यूटी नहीं निभा रहा। इस बात को इनके बड़े अधिकारी भी मानते है कि ड्यूटी के लिए जज्बा होना बहुत जरुरी है। उसके बिना हर काम अधूरा है।
इन रूट्स पर रहा जाम
भंडारी पुल, क्वींस रोड, लारेंस रोड, हाल-गेट, हाल बाजार, मजीठा रोड , शिवाला रोड, हुस्सैनपुर, पुतलीघर , इंडिया गेट, वेरका पुल जैसे इलाकों में राहगीर तथा वाहनों का चार-चार किलोमीटर तक जाम रहा। इस जाम को हटाने में ट्रैफिक पुलिस काफी हद तक नाकाम दिखाई दी। जबकि, धरना समाप्त होने के बाद रात के 7 बजे ट्रेफिक सिस्टम बहाल हो गया।
कल का दिन होगा अहम
वीरवार का दिन ट्रैफिक पुलिस तथा लोगों के लिए अहम दिन होगा। क्योंकि, अगर डिप्टी सीएम तथा मेडिकल अस्थायी कर्मचारियों की आपसी बातचीत किसी हद तक अंजाम तक पहुंच जाती है तो सब कुछ ठीक रहेगा। अन्यथा , अस्थायी मेडिकल कर्मचारियों ने पहले से ही शर्त रखी है कि अगर उनकी मांग पर नहीं कोई फैसला लिया गया तो फिर से धरना लगा दिया जाएगा तथा सारे शहर को जाम किया जाएगा।
एंबुलेंस भी जाम में फंस गई
इस जाम में जरूरी सेवाओं में एंबुलेंस को भी जाम में फंसने के लिए मजबूर होना पड़ा। जबकि धरनाकारी अपने स्टैंड पर मजबूत रहे। ऐसे में पुलिस के बड़े अधिकारियों को एंबुलेंस को जाम से बाहर निकालने में काफी पसीना बहाना पड़ा। लोगों के मुताबिक, धरना देना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन एंबुलेंस जैसी सेवाओं को रास्ता देना हर किसी का फर्ज बनता है।