प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ( गैस कनेक्शन) में भ्रष्टाचार की दुर्गंध….. बीपीएल परिवार से दो आवेदनकर्ता ने गैस एजेंसी पर लगाए संगीन आरोप

प्रतीकात्मक तस्वीर

कहा– दस्तावेज देने के बाद बोला गया कि आपका कनेक्शन हुआ रद्द….पोर्टल पर जाकर देखा तो चल रहे उनके नाम पर कनेक्शन

एसएनई न्यूज़.चंडीगढ़

देश का प्रत्येक गरीब गैस जैसी सुविधा से वंचित नहीं रह सके, इसलिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्धन तथा बीपीएल परिवार के इस स्वप्न को पूरा करने के लिए निशुल्क गैस कनेक्शन देने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत , इस स्कीम के तहत वर्ष 1 मई 2016 लोकार्पण किया गया। जबकि, इस स्कीम को लेकर पंजाब के अमृतसर में बड़े भ्रष्टाचार की दुर्गंध सामने आ रही है। इस घटिया काम को अंजाम कुछ निजी गैस एजेंसी के संचालक अंजाम दे रहे है। बीपीएल परिवार से जुड़े एक परिवार के दो सदस्य ने इस स्कीम के तहत उनके साथ शहर की हकीमा गेट के पास स्थित अरोड़ा गैस सर्विस पर संगीन आरोप लगाते कहा कि उनके भारत सरकार द्वारा जारी नागरिक पहचान-पत्र तथा स्कीम के तहत सभी दस्तावेज जमा करने के बावजूद, उन्हें रद्द होने की जानकारी दी गई।


इस पूरे प्रकरण को लेकर जांच-पड़ताल में सामने आया कि पोर्टल पर इन दोनों आवेदनकर्ता की स्कीम तहत नाम चल रहा है। आवेदनकर्ता कुलमीत सिंह, राज रानी ने साफ तौर पर एजेंसी संचालक पर आरोप लगाते कहा कि इन्होंने सब दस्तावेज स्कीम के तहत ले लिए। बाद में एक-एक करके कंपनी के अधिकारियों ने जानकारी दी कि आपका आवेदन पोर्टल पर रिजेक्ट कर दिया। किस बात को लेकर रिजेक्ट किया गया। इस बारे कोई अधिक जानकारी नहीं मुहैया कराई गई।


आरोप लगाए कि उन्हें कंपनी के ऊपर आशंका हुई तो इस बात का प्रमाण लेने के लिए भारत सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (गैस कनेक्शन) का पता लगाया तो पता चला है कि उनका कनेक्शन तो चल रहा है। यह देखकर वे दंग रह गए। दोबारा से गैस एजेंसी के बड़े अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने कोई भी जानकारी देने से साफ इंकार कर दिया। पीड़ित परिवार ने बताया कि उन जैसे कई इस स्कीम के लाभार्थी कंपनी की भ्रष्ट नीतियों की वजह से धोखा खा रहे है। आरोप लगाए कि कंपनी के साथ कुछ, बाबू लोग भी जुड़े है, जिनकी वजह से ही इस भ्रष्टाचार के धंधे को अंजाम दिया जा रहा है। उन्होंने चेताया कि वह निर्धन जरुर है लेकिन अपने हक की लड़ाई के लिए कभी चुप भी नहीं रहने वाले है। इसके लिए , उन्हें बड़ा आंदोलन करने के लिए जरूरत पड़ी तो वे पीछे भी नहीं हटेगे।


लक्ष्य आठ करोड़ तक लाभार्थियों को लाभ पहुंचाना


केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (गैस कनेक्शन निशुल्क) के तहत पूरे भारत में लगभग 8 करोड़ निर्धन परिवार (लाभार्थियों) को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। अब तक 5 करोड़ तक लाभार्थियों को लाभ मिल चुका है। निर्धारित समय के मुताबिक, तीन करोड़ लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य शेष है। इस स्कीम के तहत निशुल्क गैस कनेक्शन में 14.2 किलोग्राम का गैस सिलेंडर, चूल्हा, पाइप एक पासबुक कॉपी शामिल होती है।


हेल्पलाइन नंबर तक नहीं सही ढंग से चलता


इस स्कीम के तहत भारत सरकार के अधीन विभाग ने हेल्पलाइन नंबर जारी कर रखा है। पोर्टल की साइट में संक्षिप्त में लिखा गया है कि अगर आवेदनकर्ता को किसी प्रकार से कोई समस्या आती है तो इस हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते है। जबकि, जांच-पड़ताल में बड़ी बात सामने आई है कि यह नंबर पूर्ण रूप से चल भी नहीं रहा है। आवेदनकर्ता कई बार इस बाबत अपनी शिकायत तथा रोष भी जता चुके है। कुल मिलाकर, इस स्कीम के तहत आने वाले अधिकतर निर्धन परिवार बड़ी समस्या से जूझ रहे है। इसका समाधान निकालना अति अनिवार्य है।


पूर्व में भी भ्रष्टाचार से जुड़े मामले सामने आए


पूर्व में भी पंजाब के कई जिला में केंद्र सरकार की इस स्कीम को लेकर बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार सामने आया। उस मामले को लेकर कई एजेंसियों ने पूरे मामले की तह तक जाते हुए जो-जो , इसमें लिप्त पाए गए, उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया। सबसे चौकन्य वाले तथ्य सामने आए थे कि कैसे बाबू लोग तथा निजी गैस एजेंसियों ने मिलकर आवेदनकर्ताओं के नाम पर मोटा पैसा लेकर भ्रष्टाचार किया गया।


प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय विभाग से कड़ी कार्रवाई की मांग


इन दो पीड़ित आवेदनकर्ताओं ने लिखित में प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय विभाग से इस पूरे प्रकरण को लेकर जांच की मांग करते हुए कहा कि आरोप साबित होने पर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया। उनके मुताबिक, कई ऐसे निर्धन आवेदनकर्ता है उन्हें निजी गैस एजेंसी के संचालक निर्धन तथा लाभार्थियों के साथ बड़े स्तर पर धोखाधड़ी कर रहें हैं। कई फर्जी नाम पर कनेक्शन चल रहे है। मूल रूप से लाभार्थी को नजरअंदाज करके, उनके साथ सरासर धोखा हो रहा है।


सरासर झूठे आरोप ….रद्द होने का प्रमाण


अरोड़ा गैस एजेंसी के संचालक कुणाल ने बताया कि हम काम पूरी ईमानदारी से करते है। हर कार्य ऑनलाइन तरीके से चल रहा है। शिकायत तथा आरोप लगाने वाले मुझसे कदापि मिले तक नहीं है। किसी अन्य के माध्यम से पहचान-पत्र, उनके पास आया था , दस्तावेज भर साइड पर अपलोड किया तो पीछे से इनका कनेक्शन रद्द कर दिया। आरोप सरासर गलत है। फिर भी इस पूरे मामले को लेकर तह तक जानकारी हासिल करने के लिए सेल अधिकारी की ड्यूटी लगा दी गई। शाम तक सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।

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