अनिल भंडारी.अमृतसर।
केंद्रीय जेल अमृतसर से हवालातियों द्वारा एक वीडियो वायरल किया। वायरल वीडियो में हवालाती देवेंद्र की मौत के लिए साफ तौर जेल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। इस पूरे प्रकरण को लेकर जेल अधीक्षक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि ऐसा कुछ जेल में हुआ ही नहीं है। वीडियो वायरल करने वाले देवेंद्र सिंह के साथ हुए झगड़ा करने वाले हवालाती है , जबकि, कह रहे है कि उनका आपस में समझौता हो चुका है। जानबूझकर जेल प्रशासन मामला उन पर (जिनके साथ देवेंद्र का झगड़ा होने के उपरांत समझौता हो गया था) केस दर्ज करना चाहते है। जबकि, जेल प्रशासन पूर्व में ही स्पष्ट कर चुका है कि मामले के कथित अपराधियों के खिलाफ थाना में प्राथमिकी दर्ज करा चुका है।

फिलहाल, मामला यू-यू सोशल मीडिया में खूब तेजी से वायरल हो रहा है। उससे इस बात का पक्का संकेत मिल चुका है कि जेल प्रशासन अपनी गलती तथा तथ्यों को छिपाने के लिए कई प्रकार के षडयंत्र रच रही है। बताया जा रहा है कि इस मामले में संगीन आरोप सहायक अधीक्षक, गार्द तथा कुछ जेल मुलाजिमों पर लगे है। जिनके खिलाफ कहा गया है कि इन्होंने देवेंद्र सिंह के साथ बुरी तरह से अमानवीय तरीके से मारपीट की। सिर पर गंभीर चोटें आई। टांग को तोड़ दिया गया।
मामला गर्माया तो आनन-फानन में जेल अस्पताल लेकर गए। वहां के चिकित्सकों ने गंभीर चोटिल होने की वजह से गुरु नानक देव अस्पताल रेफर कर दिया। इससे पूर्व देवेंद्र ने एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल की थी। साफतौर पर आरोप लगाते जेल प्रशासन के खिलाफ कहा था कि उस पर जेल प्रशासन ने बेरहमी के साथ मार पिटाई की। सिर पर गंभीर चोटें तथा टांग को तोड़ दिया गया। मामला फरवरी 28 तारीख का बताया जा रहा है। देवेंद्र की मौत 1 मार्च को इलाज दौरान हो गई।
सूत्रों से पता चला है कि देवेंद्र के समर्थन में कई राज्यों का नंबर-1 का गैंगस्टर आ गया। उसने भी एक वीडियो वायरल कर अमृतसर केंद्रीय जेल प्रशासन पर आरोप लगाया की कि यहां पर प्रशासन की साफ तौर पर गुंडागर्दी होती है। समय सिर खाना-पीना नहीं दिया जाता है। उनके साथ कई बार जेल में प्रशासन की तरफ से मारपीट भी की जाती है। अब देखना होगा, चुप बैठा जेल प्रशासन इस मामले में क्या आगे कदम उठाता है। मांग की जा रही है कि इस केस की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए, ताकि आरोप साबित होने पर बड़ी कार्रवाई की जा सके।