महानलायक अजनाला पुलिस…..3 वर्ष पहले पत्रकार सहित परिवार पर हुआ जानलेवा हमला, मामला दर्ज होने के बावजूद कथित अपराधी घूम रहे सरेआम…एक कथित अपराधी पुलिस की नाक तले भगा विदेश

सांकेतिक तस्वीर

एसएनई नेटवर्क.अजनाला (अमृतसर)।

विश्व का चौथा स्तंभ कहलाने वाली पत्रकार शैली अब सुरक्षित नहीं रह गई। क्योंकि, इस शैली से जुड़े कुछ सच्चे पत्रकारों की कलम को दबाने के लिए आए दिन षड्यंत्र रच, उनके सहित परिवार पर जानलेवा हमले बढ़ते जा रहे हैं। इन सब वारदातों के पीछे कहीं न कहीं शासन एवं प्रशासन दोनों जिम्मेदार ही हैं। कानून बना देने से उनकी जिम्मेदारी समाप्त नहीं हो जाती है, बल्कि उस पर कड़ाई से पालन करने की मौलिक ड्यूटी भी बनती हैं। ताजा मामला, पंजाब के जिला अमृतसर के अजनाला क्षेत्र से जुड़ा हैं। देश के बड़े मीडिया घराने के साथ कार्य करने वाले वरिष्ठ पत्रकार अमन देवगन सहित परिवार के खिलाफ 3 वर्ष पहले जानलेवा हमला हो गया था। मामला पुलिस ने तो कुल छह के खिलाफ दर्ज कर लिया। लेकिन, अजनाला पुलिस की नालायकी की वजह से सभी कथित अपराधी सरेआम घूम रहे हैं। उल्टा पत्रकार सहित परिवार को जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। इतना ही नहीं, एक कथित अपराधी हमला करने के एक हफ्ता उपरांत विदेश भाग गया। यह सब कुछ पुलिस की नाक तले हुआ। 

अमन देवगन पत्रकारिता क्षेत्र के साथ अपना छोटा मोटा कारोबार भी करते हैं। क्षेत्र की एक मार्केट में दुकान हैं। तीन वर्ष पहले मार्केट के संचालक जागीर सिंह मल्ली, उसके 2 बेटे रछपाल सिंह, राजन उर्फ राजू तथा एक अन्य साथी सतपाल चौहान ने देवगन तथा उनके परिवार पर जानलेवा हमला कर दिया था। सभी चोटिलों को इलाज के लिए अस्पताल दाखिल कराया गया। प्राथमिक तौर पर पुलिस ने सभी हमलावरों के खिलाफ सामान्य धाराओं के अधीन मामला दर्ज किया। मेडिकल रिपोर्ट आने के उपरांत मामले की धाराओं में बढ़ोत्तरी हुई। 

पत्रकार देवगन के मुताबिक, वह इंसाफ के लिए पुलिस के पास कई बार गए। हमेशा ही पुलिस ने यही तर्क दिया कि उनके पास कथित अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल नहीं हैं। आरोप लगा है कि कथित अपराधी देवगन सहित परिवार को जान से मारने की धमकी बार-बार दे रहे हैं। 

पत्रकार संगठन ने की डीएसपी से मुलाकात

मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्रकार संगठन वरिष्ठ पत्रकार अमन देवगन सहित डीएसपी संजीव कुमार से मुलाकात करने के लिए पहुंची। संगठन ने मांग पत्र सौंपा। इसमें साफ तौर विवरण किया गया कि कथित अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर, उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। इस मामले पर कड़ा संज्ञान लेते हुए डीएसपी संजीव कुमार ने जांच के आदेश जारी कर दिए। 

पुलिस पर यह सवाल होते है खड़े

3 वर्ष पहले मामला दर्ज हुआ, अब तक कथित अपराधियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। 

सबसे बड़ी हैरान करने वाली बात सामने आई है कि पुलिस ने अभी तक अदालत में चार्जशीट तक नहीं दायर की

विदेश भागने वाले कथित अपराधी के खिलाफ क्यों नहीं एलओसी जारी की गई। किस बात का पुलिस इंतजार कर रही हैं। 

क्या इस मामले को दबाने के लिए पुलिस पर किसी प्रकार से कोई दबाव है ?

क्यों पत्रकार को थाना में इंसाफ पाने के लिए दर-दर भटकना पड़ा, क्या पुलिस एवं शासन के पास ऐसा कोई जवाब हैं?

साहब, क्या करे 3-3 माह बाद हो जाता है तबादला

इस की जांच-पड़ताल कर रहे अधिकारी एएसआई सुखजीत सिंह ने बताया कि साहब प्रति 3-3 माह उपरांत बड़े अधिकारियों के आदेश पर यहां से तबादला हो जाता हैं। अभी तक इस केस से संबंधित फाइल नहीं मिली हैं। अभी तक अदालत में चार्जशीट नहीं दायर की गई। जल्द विदेश भागने वाले कथित अपराधी के खिलाफ एलओसी जारी की दी जाएगी।

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