मामला पंजीकरण शुल्क 20 लाख ….नाखुश-नादिरशाही फैसले से सहकार भारती, चेतावनी, नहीं मानी सरकार तो करेंगे तीखा संघर्ष, अपील, आम-जनता, किसान, यूथ ब्रिगेड हों एकजुट

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर। 

देश-प्रदेश की प्रगति में हमेशा से ही सहकारी समितियों का अहम योगदान रहा हैं। लेकिन, पंजाब प्रांत में सत्तारूढ़ सरकार आम आदमी पार्टी (आप) ने एक अजीब सा फरमान जारी करते हुए उक्त सहकारी समितियों की पंजीकरण फीस 600 रुपए से बढ़ाकर 1-20 लाख तक कर दिया गया। सरकार के फैसले से आम-जनता ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। मामला यू कि सहकारी समितियों से जुड़ा है, इसलिए सहकार भारती ने तो प्रदेशीय सरकार के फैसले के खिलाफ तो मोर्चा भी खोल डाला हैं। उन्होंने प्रदेश की भगवंत मान सरकार को चेतावनी देते स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि अगर फैसला जल्द वापस नहीं लिया तो पूरे पंजाब में संघर्ष तीखा किया जाएगा। इतना ही नहीं , इसके लिए किसान संगठन, आम-जनता तथा खासकर युवा ब्रिगेड को भी इस मुहिम में उनका सहयोग देने की अपील की। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने भी सरकार के फैसले का कड़ा विरोध जताया हैं। मालूम हुआ है कि विशेष सत्र में विपक्ष सरकार को घेर सकती हैं। 

सरकार के नादिरशाही फैसले के खिलाफ सहकार भारती संगठन प्रमुख शंकर दत्त तिवारी ने कड़ा विरोध जताया। एक विज्ञप्ति जारी करते हुए, कहा कि सरकार ने फैसला लेने से पूर्व एक बार नहीं सोचा। आत्मनिर्भरता की सोच रखने वाले प्रदेश के यूथ को सरकार ने एकदम नजरअंदाज किया। 600 रुपए से बढ़ाकर 20 लाख तक पंजीकरण फीस कर देना, कहीं न कहीं सरकार की सोच दिल्ली दरबार से दिए गए आदेश को दर्शाता हैं। शायद, भगवंत मान को यह बिल्कुल नहीं भूलना चाहिए कि यह पंजाब हैं। पंजाब की जनता अपना फैसला खुद करती है। अगर , आदेश पसंद नहीं आया तो प्रदेश की जनता इसे जड़ से उखाड़ देने का भी मादा रखती हैं। मान सरकार को एक बार फिर से इस फैसले पर पुनर्विचार करना होगा। 

चेतावनी दी कि अगर सरकार ने फैसले को वापस लेने में गंभीरता नहीं दिखाई तो तीखा संघर्ष करने से भी नहीं पीछे हटा जाएगा। किसान संगठन तथा यूथ से उनका सहयोग देने की अपील की गई। 

लगभग 32 तरह की है समितियां

जानकारी के मुताबिक, पंजाब में लगभग 32 तरह से सहकारी समितियां हैं। हर समिति का कार्य अलग-अलग होता हैं। खास बात यह है कि उक्त समितियों से भविष्य़ में आगे बढ़ने के लिए युवाओं के लिए काफी कारगर साबित होती हैं। इसमें उन्हें आत्मनिर्भर रहने का प्रोत्साहन मिलता हैं। इतना ही नहीं, किसान-गरीब वर्ग को हर प्रकार की सुविधा हासिल होती हैं। लेकिन, सरकार के पंजीकरण फीस बढ़ोत्तरी के आदेश से इस मुहिम को काफी बड़ा नुकसान पहुंच सकता हैं। 

सरकार के लिए बन सकती है मुसीबत

चूंकि, 5 जिलों में निगम चुनाव सिर पर हैं। सरकार का यह फैसला उसके लिए बड़ी मुसीबत भी खड़ा कर सकता हैं। विपक्ष, इस मुद्दे को चुनावों में भुनाने का पूरा-पूरा मन बना चुका हैं। चर्चा, इस बात की चल रही है कि विधानसभा विशेष सत्र में विपक्ष जोरशोर से मुद्दा उठाएंगा तथा मान सरकार को घेरने का पूर्ण रूप से मन भी बना चुका हैं। 

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