रेस्त्रां में गैर-कानूनी ढंग से शराब बेचने के लगे संगीन आरोप , सरेआम नियमों की उड़ रही धज्जियां, प्रशासन से लेकर विभाग खामोश…..।

एसएनई नेटवर्क.अमृतसर। 

सरेआम एक रेस्त्रां में गैर-कानूनी ढंग से शराब बेचने के संगीन आरोप लगे हैं। यह आरोप एक सामाजिक कार्यकर्ता ने लगाए। मामला  पंजाब माल विभाग के जालंधर डिवीजन के आयुक्त पास पहुंच गया। फिलहाल, इस मामले संबंधी विभाग की तरफ से कोई जानकारी सामने नहीं आई। उधर, सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत सिंह  ने पंजाब के मुख्यमंत्री से कड़ा संज्ञान लेने की गुहार लगाई। बताया जा रहा है कि उक्त रेस्त्रां पंजाब की धार्मिक राजधानी अमृतसर के सुल्तानविंड क्षेत्र में उपस्थित हैं। आरोप लगे है कि रेस्त्रां मालिक के राजनीति संबंध काफी निकटतम है, इसलिए, राजनीति की आड़ में यहां पर कानून विरुद्ध काम धड़ल्ले से चल रहा हैं। हैरान करने वाली बड़ी बात है कि इस मामले में संबंधित विभाग से लेकर प्रशासन एकदम खामोश हैं। 

सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत सिंह ने जानकारी दी कि उन्होंने एक शिकायत पत्र माल विभाग जालंधर डिवीजन के आयुक्त को भेजा है, उसमें साफतौर पर लिखा गया की कि सुल्तानविंड क्षेत्र में एक परिवारिक रेस्त्रां की आड़ में सरेआम लोगों को शराब परोस रहा हैं। उसके पास कोई विभागीय लाइसेंस तक नहीं हैं। आरोप लगाए कि यह गैर-कानूनी धंधा पिछले एक वर्ष के करीब से चल रहा हैं। आरोप लगाए कि किसी विभागीय अधिकारी ने इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की। 

इस मामले को लेकर , उन्होंने (सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत सिंह) ने स्थानीय प्रशासन से भी शिकायत की। लेकिन, हर किसी ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया। अब थोड़े दिन पहले संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी को एक लिखित पत्र भेजा हैं। विभागीय अधिकारी ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का तो भरोसा दिया, लेकिन, अभी तक नियमों की धज्जियां उक्त रेस्त्रां में सरेआम उड़ रही हैं। आरोप लगाए कि यह समाज के खिलाफ प्रशासन तथा सरकार के खिलाफ एक गलत संदेश जा रहा है, क्योंकि, प्रदेश की भगवंत मान सरकार ने जनता से एक वादा किया था कि हर कार्य कानून के दायरे में ही होगा, लेकिन, रेस्त्रां की यह गैर-कानूनी गतिविधि सरकार के दावे पर भी सवाल खड़ा कर रही हैं। 

इन पर उठ रही ऊंगली

इस मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन से लेकर संबंधित विभाग पर उंगली खड़ी हो रही हैं, क्योंकि, अब तक कई बार शिकायत आने के बावजूद रेस्त्रां मालिक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि शायद संचालक विभाग के अधिकारियों को इस कार्य के लिए मोटी रिश्वत दे रहा है, जिस वजह से इस मामले को दबाया जा रहा हैं। 

सीएम से इंसाफ की लगाई गुहार

सामाजिक कार्यकर्ता इंद्रजीत सिंह ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस मामले को लेकर कड़ी कार्रवाई करने की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि चूंकि, प्रदेश के सीएम हर कार्य कानून के दायरे में कर रहे हैं। जिसके लिए वह प्रशंसा के पात्र भी हैं। उन्होंने रिश्वतखोरी को प्रदेश में समाप्त करने के लिए अहम भूमिका निभाई। उन्हें विश्वास है कि सीएम मान उनकी शिकायत पर भी कड़ा संज्ञान लेगें। 

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