
मुकेश बावा.अमृतसर।
शहीदी दिवस को समर्पित पंजाबी धार्मिक गीत का पोस्टर अमृतसर में आज रिलीज किया गया। अपने पहले धार्मिक गाने से पंजाबी संगीत जगत में शुरुआत करने वाले कुंवर दीप सिंह भाटिया ने कहा कि आज की नौजवान पीढ़ी कहीं न कही अपनी विरासत को भूलती जा रही है। आज जहां चाहे पूरे विश्व में बाल वीर दिवस के नाम से छोटे साहिबजादों को याद तो किया जाता है पर उन्होंने यह शहादत क्यों दी और किसके लिए दी किसी को याद नहीं ।

यह गीत माता गुजरी और जोरावर सिंह और फतेह सिंह जी को जब सरहिंद में वजीर खान की तरफ से ठंडे बुर्ज में रखा गया और वजीर खान द्वारा उन्हें बार-बार इस्लाम धर्म को अपनाने के लिए कहा गया और तब साहिबजादों ने वजीर खान की एक न मानी तो उन्हें निहो में जिंदा चिनवाने का हुक्म दिया गया यह गीत उस समय को बयान करता है।
आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान में तो बड़ो के पास अपने बच्चों के लिए समय नही है कि उनको अपने इतिहास के बारे जानकारी दी जाए कि हम कितने बड़े आमिर विरसे से ताल्लुक रखते है। एक समय था कि दादा-दादी तथा नाना-नानी से बच्चों को कहानियों के माध्यम से अपने इतिहास के बारे में पचा चल जाता था। लेकिन, इस समय सब कुछ प्रतिकूल चल रहा है, बच्चे सिर्फ तो सिर्फ मोबाइल में ही अपना पूरा समय व्यतीत करते हैं। भविष्य के लिए यह काफी हानिकारक सिद्ध हो सकता है।