जनता उठा रही है गृह विभाग तथा राज्य सरकार पर सवाल, क्या-ईमानदारी का मिलता है यह सम्मान
एसएनई नेटवर्क.अमृतसर/चंडीगढ़।
देश का सिस्टम एकदम से राजनीति के समक्ष बेबस हो चुका है। राजनीति के एक इशारे पर इस सिस्टम के भीतर काम करने वाले ईमानदार तथा जांबाज अधिकारियों के खिलाफ विपरीत चला जाता है। एक ऐसा ही उदाहरण पंजाब के नव-नियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के अधीन गृह मंत्रालय ने बहुत बड़ा फैसला लेते हुए अमृतसर के ईमानदार तथा जांबाज आईपीएस अधिकारी विक्रमजीत सिंह दुग्गल को इनाम देने की बजाय एक माह के भीतर इस जगह से हटा दिया। हैरान करने वाली बात यह है कि आगे इनकी नियुक्ति पर भी बहुत बड़ा सस्पेंस भी डाल दिया। जबकि , जालंधर के सीपी डा.सुखचैन सिंह गिल को अमृतसर का दोबारा से सीपी बना दिया गया। इसके अलावा लुधियाना में भी सीपी को बदल दिया गया। दुग्गल जैसे बहादुर तथा निडर कमिश्नर ने अमृतसर में एक माह में अपनी जांबाजी का परिचय देते हुए यहां की आम जनता के लिए वो कुछ कर दिखाया, जिसे आज तक किसी भी पुलिस कमिश्नर या फिर एसएसपी ने ऐसा कुछ नहीं किया था।
सारा दिन अमृतसर शहर में कमिश्नर दुग्गल को यहां से बदलने को लेकर काफी चर्चा रही। खासकर, आम जनता ने नवनियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, अमृतसर के डिप्टी सीएम ओम प्रकाश सोनी के सिस्टम पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस ईमानदार अधिकारी को किन कारणों से बदला गया। क्या उनकी ईमानदारी तथा जांबाजी पर कोई कमी थी। मांग करते कहा कि अपने फैसले को वापस लेकर फिर से अमृतसर का विक्रमजीत दुग्गल को कमिश्नर नियुक्त किया जाए।
आईपीएस विक्रमजीत दुग्गल ने एक माह में इस जांबाज कमिश्नर ने जो कुछ कर दिखाया कि इसका अंदाजा तो कभी जिंदगी में भी नहीं लगाया जा सकता है। लोग शांति महसूस कर रहे थे। अपराध का ग्राफ शहर में कम होने लगा था। पुलिस कर्मचारी आम-जनता की बात सही ढंग से सुनने लग पड़े थे। अमृतसर की पुलिस को हाईटैक करने तथा लोगों के जज्बातों को समझना जैसी हर तकनीक काम करने लग पड़ी थी।
कहीं न कहीं इस सिस्टम को लेकर अब सरकार तथा उसके गृह विभाग पर भी सवाल उठने लगे है, क्योंकि हर अधिकारी की रिपोर्ट उनके पास होती है। यहां तक विक्रमजीत दुग्गल के रिकार्ड या फिर रिपोर्ट की बात करें तो प्रदेश के पुलिस निदेशक कई बार विक्रमजीत दुग्गल के अमृतसर में कामों को लेकर कई बार अपने ट्विटर अकाउंट में प्रशंसा कर चुके है। इससे एक बात तो साफ स्पष्ट हो जाती है कि पुलिस विभाग में भी राजनीतिक दबाव का पूरा बोलबाला है। जिसका खामियाजा इस जांबाज अधिकारी को झेलना पड़ा।
कयास यह भी लगाए जा रहे है कि दुग्गल भी पंजाब की राजनीति का शिकार हुए है। क्योंकि , राजनीति में एक ऐसा वर्ग है जो नहीं चाहता है कि कोई ईमानदार अधिकारी उनके काम में अड़चन डाले। इसलिए वे लोग इन जांबाज अधिकारियों का अपनी सत्ता का बल दिखाकर उनका तबादला कर देते है। खैर, सत्ता में बैठी कांग्रेस ने आज अमृतसर की जनता का दिल तोड़ दिया है, क्योंकि जिस जांबाज पुलिस अधिकारी की बहादुरी की वजह से शहर में क्राइम ग्राफ कम हो रहा था, उसे वहां से हटा दिया गया।
कमिश्नर कार्यालय रहा मायूसी का माहौल
जिला अमृतसर के कमिश्नर कार्यालय में माहौल काफी मायूसी भरा रहा । क्योंकि , उनके (पुलिस स्टाफ) सबसे अजीज तथा ईमानदार जांबाज अधिकारी विक्रमजीत दुग्गल का यहां से बदल दिया गया। हर किसी का चेहरा यह बयां कर रहा था कि उनके परिवार से सबसे बड़ा मुखिया यहां से हमेशा के लिए उनसे दूर चला गया। बताया जा रहा है कि दुग्गल काफी अच्छे तथा कुशल स्वभाव के थे। आम-जनता के अलावा पुलिस के हर कर्मचारी से लेकर मुलाजिम तक उनकी अच्छी पटती थी। उनके पढ़ाए ईमानदारी के पाठ का अब अमृतसर पुलिस में काफी असर दिखाई देने लगा था।