एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।
कस्टम कमिश्नरेट अमृतसर की टीम ने वाघा सीमा के रास्ते भारत पहुंचे एक विदेशी यात्री से बुद्ध डाटाबेस काले स्टोन की मूर्ति बरामद की है। यात्री की तरफ से इसके दस्तावेज नहीं दिखा पाने और संतोषजनक जवाब न देने पर अधिकारियों को मूर्ति को सील करते हुए यात्री के खिलाफ एंटीक्विटीज एंड आर्ट ट्रीजर एक्ट 1972 के तहत कार्रवाई कर दी। आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने इस मूर्ति की स्टडी कर दी रिपोर्ट के बाद कस्टम कमिश्नर राहुल नागरे ने यह जानकारी शुक्रवार शाम मीडिया के साथ साझा की।
मूर्ति सेकंड सीई काल की
कस्टम कमिश्नर राहुल नागरे ने बताया कि शुक्रवार को सुबह कस्टम के अधिकारी अंतरराष्ट्रीय सीमा अटारी पर तैनात थे। पाकिस्तान के रास्ते वाघा से भारत (अटारी) पहुंचने वाले यात्रियों के सामान की चेकिंग कर रहे थे। इस दौरान एक विदेशी यात्री के बैग की तलाशी के दौरान उसमें रखी पत्थर की बुद्ध की मूर्ति मिली। जांच में सामने आया कि सेकंड और थर्ड सीई (कॉमन इरा) काल के दौरान की है।
पत्थर को तराश कर बनाई गई
यह गंधारा स्कूल ऑफ आर्ट के समय काले (बहुत कीमती) पत्थर को तराश कर बनाई गई थी, जो स्वात घाटी से आता है। स्टोन की मूर्ति में बुद्ध का चेहरा क्राउन प्रिंस दिखाया गया है। कस्टम कमिश्नर ने बताया कि मूर्ति को सील करने के बाद एएसआई को जांच के लिए भेजा गया था, जिसमें मूर्ति के सदियों पुरानी होने का खुलासा हुआ है।
यात्री से पकड़े थे 262 पुराने सिक्के
कस्टम अधिकारियों ने इससे पहले मई 2017 में पाकिस्तान की ओर से रेल से आए एक यात्री से 262 पुराने (एंटीक) सिक्के बरामद किए थे। इसके बाद सितंबर 2018 में अटारी रेल से भारत आए एक यात्री से 65 एंटीक सिक्के (सिक्के) पकड़े थे। इसके बाद आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने जांच के बाद इनके महाराजा रणजीत सिंह के शासनकाल के इंडो-ग्रीक, अपोलो डॉट्स के सिक्के, अकबर, जहांगीर और हुमायूं काल और ब्रिटिश काल के क्वीन विक्टोरिया एंप्रेस के सिक्के होने की पुष्टि की थी। इनमें से कुछ सिक्के गोआ के नेशनल म्यूजियम ऑफ कस्टम्स एंड जीएसटी, धरोहर में प्रदर्शित किए गए हैं।