…किशोर की हूबहू आवाज को अपनी जुबान से पिरो रहे ‘संजय’…………संगीत थेरेपी से अब तक 1 हजार जिंदगियों को दिया नया जीवनदान

वरिष्ठ पत्रकार..अमृतसर। 

दिलबर मेरे,किसी शायर की, रात काली एक ख्वाब, पल-पल दिल के पास, आने वाला पल, ओ मेरे दिल के चैन जैसे मशहूर गीत को गाने वाले गीतकार एवं अभिनेता किशोर कुमार की हूबहू आवाज को अपनी जुबां से पिरो रहे है अमृतसर के रहने वाले संजय माहेश्वरी। संगीत थेरेपी से लगभग 1 हजार के करीब लोगों को नया जीवनदान दे चुके हैं। इसी वर्ष बैंक से मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हुए। पत्नी शिक्षण संस्थान में प्राध्यापक हैं, जबकि, बेटा विदेश में विशेष बच्चों को ट्रेनिंग दे रहा हैं। 

शहर के कंपनी बाग में रविवार की सुबह ठीक 5 बजे एक बैठने की जगह पर किशोर कुमार के पुराने गीतों को ताजा करते हुए संजय लोगों को संगीत थेरेपी देना शुरु कर देते हैं। उनकी टीम के  लगभग 1 दर्जन से ऊपर सदस्य हैं। वह सब संजय का सहयोग करते हैं। किशोर कुमार के गीत को सुनने के लिए कई लोगों की भीड़ जमा हो जाती हैं। वातावरण एकदम शांत हो जाता है। हर कोई गीत को सुनकर पुरानी यादों को ताजा करने लग पड़ता हैं। टीम का एक-एक सदस्य किशोर कुमार के गीत को गाता है तथा उन्हें सुनने के लिए काफी लोग इकट्ठा हो जाते है।

लोगों के मुताबिक, वर्तमान में नए गीतों में कोई दम नहीं रहा। संजय जी की मधुर आवाज, उन्हें काफी प्रभावित करती हैं। एक-एक लाइन दिल और दिमाग में बैठ जाती है। खास बात यह है कि संजय की आवाज को बच्चों से लेकर बुजुर्ग पीढ़ी काफी पसंद करती हैं। उनकी आवाज समां बांध देते हैं।  

संजय के मुताबिक, वर्ष 2019 पूरे विश्व के लिए एक ऐसा समय था, शायद किसी ने भी सोचा नहीं था कि एकदम लोग घरों में कैद हो जाएगे। कई युवा नौकरियों से निकाल दिए गए। अधिकतर युवा मानसिक तनाव में रहने लग पड़े। उनके पास एक आईडिया आया कि क्यों न वह संगीत थेरेपी के माध्यम से पीड़ित युवाओं को बाहर निकाले। कोविड़ प्रकोप ठीक हुआ तो उन्होंने कंपनी बाग में तनावग्रस्त युवाओं को संगीत थेरेपी से ठीक कर उन्हें नया जीवनदान दिया। लगभग 1 हजार के करीब युवा इस थेरेपी से अब तक ठीक हो चुके हैं। आगे भी उनके प्रयास निरंतर जारी हैं। 

बचपन से ही था गीत गुनगुनाने का  शौक

संजय के मुताबिक, 3 वर्ष की आयु में ही गीत गाना शुरू कर दिया। परिवार ने उनके प्रति काफी सहयोग दिया। स्कूल से लेकर कालेज में हर प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। पढ़ाई समाप्त होने से पूर्व बैंक में नौकरी मिल गई। इस बीच गीत गाने का शौक बरकरार रहा। कई बार , उन्हें देश के कई बड़े पर्दे में गीत गाने का अवसर मिला। अपनी कोयल जैसी आवाज के दम पर हर बार नया मुकाम हासिल किया। 

किशोर कुमार है आइडियल

संजय के मुताबिक, किशोर कुमार उनके लिए आइडियल हैं। उनके प्रत्येक गीत सुनकर हूबहू उसी आवाज में गाने का अभ्यास किया। कड़ी मेहनत करने की वजह से वह सफल भी हुए। मन में एक मलाल भी रहा कि वह किशोर कुमार से कभी मुलाकात नहीं कर पाए। घर में किशोर कुमार की कई तस्वीरें लगा रखी हैं। प्रतिदिन उसकी तस्वीर को देखकर वह अच्छा महसूस करते हैं।  

बच्चों को संगीत थेरेपी देने की अपील

दिनचर्या से ही बच्चों में काफी तनाव देखने को मिल रहा हैं। स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हैं। बच्चों के उज्जवल भविष्य तथा स्वास्थ्य जीवन को सुखी बनाने के लिए उन्हें हफ्ते में एक बार अवश्य संगीत थेरेपी देनी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों की जीवनशैली में काफी बदलाव आएगा। उन्नति में काफी फायदा मिलेगा। 

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