बड़ा खुलासा…….श्री राम तलाई मंदिर के करोड़ों की जमीन पर नजर है भूमाफिया, कुछ राजनीतिक-अधिवक्ता श्रेणी से जुड़े लोगों की….इसलिए, पुरोहित पर हुआ था जानलेवा हमला

VIRUL FOOTAGE OF SHREE RAM TLAI TEMPLE IMAGE

….एसएनई न्यूज़ को खबर प्रकाशित करने पर मिली देर रात धमकी…..एक भाजपा नेता ने अपने बयान से लिया यू-टर्न 

…..पुलिस आयुक्त कार्यालय में दर्ज हुए पुरोहित के बयान…..मामला , एसीपी (ईस्ट) के पास पहुंचा

वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर।

कुछ दिन पहले श्री राम तलाई ऐतिहासिक मंदिर के पुरोहित पर जानलेवा हमला हुआ था, उस मामले में एक नया मोड़ आ चुका है। सूत्रों के हवाले से इस बात का खुलासा हुआ है कि मंदिर के भीतर करोड़ों की जमीन पर कुछ भू-माफिया, राजनीतिक, अधिवक्ता पेश से जुड़े लोगों की नजर है। 35 वर्ष से निस्वार्थ सेवा करने वाले पुरोहित ने जब इस मामले को लेकर आवाज उठाई तो उन पर जानलेवा हमला कर दिया गया। उधर, इससे पूर्व 20 अप्रैल को प्रकाशित की गई खबर को लेकर एसएनई न्यूज़ को देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे धमकी दी गई। हैरान करने वाली बात है कि इस मामले में हस्तक्षेप करने वाले एक भाजपा नेता ने मामले से किनारा लेते हुए अपने बयान पर यू-टर्न ले लिया है। पुलिस आयुक्त ने शिकायत पर कड़ा संज्ञान लेते हुए पीड़ित पुरोहित विजय कुमार के बयान दर्ज कर लिए है। जांच एसीपी (ईस्ट) को सौंप दी गई। 

COMPLAINT LETTER BY PANDIT VIJAY KUMAR 1
COMPLAINT LETTER BY PANDIT VIJAY KUMAR 2

THURSDAY को सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब तेजी से प्रसारित हुआ। वीडियो की खोज की तो पता चला कि यह वायरल वीडियो श्री राम तलाई मंदिर के परिसर की है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मंदिर में पंडित जी अपना काम कर रहे थे, तभी एक अज्ञात उनके साथ धक्का-मुक्की करता है, उन्हें बुरी तरह से पीटता भी है। फिलहाल, इस वीडियो में मारपीट करने वाले की पहचान जाहिर नहीं हो पाई। जब पंडित विजय कुमार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमेशा ही एक समुदाय उन पर जानलेवा हमला करवाता है, उसके बाद शिकायत वापस लेने के लिए मंदिर प्रबंधन उन पर दबाव डालता है। लेकिन, वह सच्चाई से पीछे नहीं हटने वाले है। उनकी सच्चाई की लड़ाई अंतिम समय तक चलती रहेगी। 

सूत्रों के हवाले से इस बात का बल तब मिल गया, जब सामने आया कि इस ऐतिहासिक मंदिर में एक समूह की करोड़ों की जमीन पर है। यहां पर कुछ भू-माफिया तथा राजनीतिक, अधिवक्ता पेशे से जुड़े लोग उसे हड़पने की फिराक में है। जबकि, मंदिर के कुछ लोग उनका विरोध करते है। इसमें मंदिर के पुरोहित का नाम सबसे ऊपर है, इसलिए, बिना किसी बात के एक समूह उन पर हमला करने की फिराक में रहता है। रविवार को उसी समूह के लोगों ने हमला किया था। जिस कारण पुरोहित घायल हो गए थे। 

तब , इस मामले को लेकर स्थानीय थाना पुलिस के पास शिकायत पहुंची थी। थाना प्रभारी ने इस मामले को काफी गंभीरता से देखा था। उन्होंने इस हमले में पंडित सहित जो-जो लोग घायल हुए थे, उन सभी के बयान दर्ज कर लिए थे। बुधवार को पंडित सहित कुछ लोग सीपी कार्यालय लिखित पत्र लेकर पहुंचे। उन्होंने शिकायत को काफी गंभीरता से लेते हुए पीड़ित के बयान को दर्ज कर लिया गया। इतना ही मामले की जांच पड़ताल के लिए एसीपी (ईस्ट) को सौंप दी। 

जानिए, कब और कैसे आरंभ हुआ विवाद

दरअसल, इस ऐतिहासिक मंदिर पर एक समूह को भूमाफिया, राजनीतिक, अधिवक्ता श्रेणी से साथ मिल रहा है। उनकी नज़र मंदिर की करोड़ों की जमीन हड़पने का इरादा है। उनकी चाल है कि मंदिर का पुराना भुगतान (निगम पेंडिंग पेमेंट) चुका कर इसे हासिल कर लिया जाए। एक तरीका अदालत में केस करने का भी अपनाया जा रहा है, क्योंकि, इसमें कुछ अधिवक्ता श्रेणी से जुड़े लोग भी शामिल है। इसमें अगर वे लोग किसी भी चाल में कामयाब हो जाते है तो उन्हें जमीन हड़पने से कोई रोक नहीं सकता है। लेकिन, उनके लिए सबसे बड़ा रौड़ा मंदिर के पुरोहित विजय कुमार है जो सच्चाई के लिए अपने बलबूते पर लड़ रहे है। इसलिए बार-बार उन पर हमला करवा कर सच्चाई को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। 

—हिंदू संगठनों को आना होगा आगे

बताया जाता है कि इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। जानकार मानतें है कि इसका श्री रामयण काल से जुड़ा है। विडंबना इस बात की भी है, इतना प्राचीन मंदिर होने के बावजूद कोई मजबूत प्रबंधन कमेटी नहीं है। इतना ही नहीं, आज तक यहां पर कोई चुनाव तक नहीं हुआ। सारा काम गलत तरीके से चल रहा है। संविधान के मुताबिक, हर संस्था को चलाने के लिए चुनाव होना अति अनिवार्य है। देखा जाए तो यह एक प्रकार से कानूनी प्रक्रिया को ठेंगा दिखाया जा रहा है। जो सरासर गलत है। आवाज, इस बात की उठनी लगी है कि इस मामले को लेकर हिंदू संगठनों को आगे आना होगा। हालाकि, कुछ जीव प्रेमी तथा हिंदुत्व विचारधारा वाले लोग पुरोहित के समर्थन में खड़े होकर उनकी सच्चाई की लड़ाई को बल दे रहे है। लेकिन, इसे जीत में बदलने के लिए कईयों को आगे आना शेष है। 

सीएम से लेकर पुलिस प्रशासन से इंसाफ की मांग की

पुरोहित विजय कुमार ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा पंजाब पुलिस निदेशक डा.गौरव यादव से इंसाफ की गुहार लगाते हुए कहा कि उन्हें  इस पूरे प्रकरण में हस्तक्षेप करना चाहिए। क्योंकि, इस मामले को दबाने के लिए कुछ राजनीति, भूमाफिया तथा अधिवक्ता पेशे से जुड़े लोग अपना पूरी तरह से बल लगा रहे है। अतीत में भी उनके साथ मारपीट तथा मंदिर को गलत हाथों में जाने के लिए कई बार प्रयास किए गए। लेकिन, अटल सच्चाई की वजह से वे लोग अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाए। 

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