माहौल तनावपूर्ण– पुलिस-किसान आमने-सामने, लाठीचार्ज, ट्रैक्टर की चपेट में पुलिस महिला कर्मी और स्कूल के 2 बच्चे आए, कानूनी कार्रवाई

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वरिष्ठ पत्रकार.अमृतसर। 


पंजाब के अमृतसर में उस समय माहौल तनावपूर्ण हो गया जब पुलिस और किसान आमने सामने हो गए। पुलिस ने चेतावनी भी दी, लेकिन किसान नहीं माने। इसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने की कोशिश की तो किसान भड़क गए। बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार थे। वहां से ट्रैक्टर भगाते समय किसानों के ट्रैक्टर की चपेट में पुलिस महिला कर्मी और स्कूल के 2 बच्चे भी आ गए। इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो कई किसान जख्मी भी हुए।

किसानों की पुलिस के साथ बहसबाजी  


दरअसल किसानों की तरफ से ओलावृष्टि का मुआवजा, कोरोना काल में कई किसानों के हुए काम ठप और उस दौरान बैंकों के लोन न भरने से होने वाली कुर्की संबंधी डीसी कार्यालय मांगपत्र देने जा रहे किसानों को पुलिस ने हरतेज अस्पताल के समीप रोकने की कोशिश की। जब पुलिस ने उनको बैरिकेडिंग कर रोका गया तो किसानों की पुलिस के साथ बहसबाजी हो गई। किसान अपनी मांगों को लेकर जिद पर अड़ गए, कहा कि बैंकों द्वारा किसानों की कर्ज लेकर गिरवी रखी गई भूमि की कुर्की को रोका जाए। जब किसान कंट्रोल के बाहर होने लगे तो पुलिस द्वारा किसानों को रोकने के लिए हल्का लाठीचार्ज का प्रयोग करना पड़ा तथा मौके पर कई किसानों को गिरफ्तार किया गया।

किसानों का आरोप 

 
किसानों का आरोप है कि वह डीसी दफ्तर में अपनी मांगों को लेकर जा रहे थे जहां पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया। प्रधान कश्मीर सिंह धंगई और बघेल सिंह ने बताया कि सुबह भारतीय किसान यूनियन एकता पंजाब सिद्धपुर के किसान डीसी अमृतसर के दफ्तर में अपनी मांगों को लेकर मांग पत्र देने जा रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले चंडीगढ़ कूच कर रहे किसानों के रास्ते रोके फिर शंभू व खनौरी बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों को जबरदस्ती उठाया। आज धरना दे रहे किसानों पर लाठीचार्ज कर उन पर अत्याचार किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने जल्द गिरफ्तार किसानों को रिहा नहीं किया गया तो बीकेयू उग्राहां की ओर से संघर्ष तेज किया जाएगा।


समझाने के बावजूद किसानों ने की गुंडागर्दी


एडीसीपी हरपाल सिंह ने बताया कि मामला हाईकोर्ट में है और एक दिन पहले किसानों से बात हुई थी, लेकिन फिर भी वह गुंडागर्दी कर रहे, जिसके बाद ही उन्हें हटाया गया है। फिलहाल पुलिस किसानों को वहां से हटाकर साथ ले गई और स्कूली बच्चों को जख्मी करने के मामले में उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने एक वीडियो जारी कर सारे मामले के बारे में जानकारी दी। 

पुलिस के मुताबिक, यह मामला 16 मई को शुरू हुआ था जब एक बैंक की ओर से एक किसान के घर को कुर्क करने के लिए वो गए थे जहां सिद्धपुर किसान नेता परविंदर सिंह ने सील तोड़ने की बात कही, जिसे समझाया गया कि अगर बैंक की सील तोड़ी गई तो यह माननीय हाईकोर्ट का अपमान होगा और कानूनी कार्रवाई होगी।


बैठक में नहीं आए किसान नेता


बता दें कि किसान नेता ने 22 मई को भंडारी पुल जाम लगाने की एक ऑडियो जारी की। वहीं इससे पहले बीते दिन डीसी साक्षी साहनी के साथ किसानों की बैठक करवाई गई थी और इस नेता को भी बुलाया गया लेकिन वो सारा दिन फोन करने के बाद भी नहीं आए। इसके बाद आज किसान ट्रालियां लेकर पहुंच गए और पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो वो तेजी से भागते हुए बच्चों को रौंदते हुए चले गए, जिसमें दो स्कूली बच्चे तथा एक व्यक्ति सहित महिला पुलिस अधिकारी भी घायल हो गई।

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