मांग—सिविल सर्जन (अमृतसर) के अधीन गठित हो कमेटी….लिंग निर्धारित टेस्ट करने वाले कथित आरोपी डाक्टर एवं दलाल अभी तक पुलिस गिरफ्त से दूर
एसएनई नेटवर्क.अमृतसर।

पिछले दिनों अमृतसर के एक निजी डायग्नोस्टिक केंद्र में लिंग निर्धारित टेस्ट करने वाले डॉक्टरों एवं दलाल को लुधियाना सिविल सर्जन कार्यालय की टीम एवं थाना मजीठा रोड पुलिस ने रंगे-हाथ पकड़ा था। उस मामले में कानूनी कार्रवाई तो कर दी गई, लेकिन हैरान करने वाली बात यह सामने आई कि कथित अपराधियों को अब तक पुलिस पकड़ नहीं पाई। इस पूरे प्रकरण को लेकर सिविल अस्पताल की सरकारी मुलाजिमों की यूनियन के अध्यक्ष राकेश शर्मा एवं सुमित कुमार ने लुधियाना सिविल सर्जन टीम एवं थाना मजीठा रोड पुलिस के प्रभारी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए, उनके खिलाफ एक लिखित रूप में पत्र पंजाब स्वास्थ्य एवं भलाई विभाग के प्रमुख सचिव को भेजा हैं। उन्होंने साफ तौर पर मांग की कि इस केस को लेकर अमृतसर सिविल सर्जन के अधीन एक जांच कमेटी गठित की जाए। उन्होंने कहा कि अब तक इस अपराध में लिप्त कथित अपराधी डॉक्टर एवं दलाल की टीम पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले अमृतसर में एक निजी डायग्नोस्टिक केंद्र के खिलाफ पंजाब स्वास्थ्य विभाग को लिखित रूप में शिकायत आई थी कि उक्त केंद्र गैर-कानूनी तरीके से लिंग निर्धारित टेस्ट करता हैं। इसके एवज में कई गुणा पैसे ऐंठता हैं। इस गोरखधंधे में केंद्र संचालक से लेकर डॉक्टरों की टीम एवं एक दलाल शामिल हैं। विभाग ने इस काम के लिए लुधियाना सिविल सर्जन के नेतृत्व में एक टीम गठित की। टीम के साथ एक निजी टीम को हायर किया। हायर की गई टीम ने पूर्व में एक सिटिंग ऑपरेशन के तहत फर्जी ग्राहक बनकर दलाल के माध्यम से लिंग निर्धारित करने का टेस्ट की मांग की गई। फर्जी ग्राहक बन कर हायर टीम पैसे लेकर गई तो ऊपर से सिविल सर्जन टीम ने अस्पताल के डॉक्टरों तथा दलाल को पैसे सहित गिरफ्तार कर लिया।
आरोप लगे है कि उस दौरान टीम के साथ स्थानीय पुलिस भी थी, लेकिन किसी डॉक्टर एवं दलाल को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया। खानापूर्ति के लिए सिर्फ मशीन को सील किया गया। आरोप लगे है कि थाना प्रभारी , उन्हें इस केस को लेकर जानबूझकर गुमराह कर रहा हैं। तरह-तरह की बातें बना रहा हैं। तर्क दे रहा है कि उसे बिल्कुल मालूम नहीं है कि कथित अपराधियों को किस आधार पर पकड़ा जाए। मांग की कि जिला अमृतसर के सिविल सर्जन डॉक्टर चरणजीत सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की जाए, ताकि केस से संबंधित कथित अपराधियों को पकड़ा जा सकें।
पत्र इन विभाग को भी भेजा गया
यह पत्र पंजाब स्वास्थ्य विभाग के अलावा रजिस्ट्रार. पंजाब चिकित्सा कौंसिल, चंडीगढ़, पुलिस आयुक्त अमृतसर, जिला आयुक्त (अमृतसर), सिविल सर्जन (अमृतसर) को भी भेजा गया हैं।