
एसएनई नेटवर्क.अमृतसर/चंडीगढ़।

पंजाब की सत्ता में आम आदमी पार्टी की सरकार आने की वजह से स्वास्थ्य संबंधी सरकारी अस्पताल में काफी सुधार नजर आ रहा है। खासकर, इसका असर जलियांवाला बाग शहीद स्मारक सिविल अस्पताल, अमृतसर में देखने को मिला है। ओपीडी में लगभग 50 फीसद इजाफा हो गया। आम दिनों में 450 की ओपीडी के मुकाबले 900 की संख्या बढ़ चुकी है। अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं देकर अस्पताल एक नेक मिसाल कायम कर रहा है। लेकिन, कहीं न कहीं स्टाफ की कमी की वजह से दिक्कत भी पेश आ रही है। बढ़िया अनुशासन तथा स्टाफ के काम में तालमेल चुनौती को कम भी कर रहा है।
चिकित्सक से लेकर स्टाफ सुबह साढ़े सात बजे पहुंच रहा है। उसके बाद तत्काल अपनी-अपनी ड्यूटी पर डट जाता है। किसी प्रकार से कोई ब्रेक नहीं लेकर लगातार काम चल रहा है। मरीज तथा तीमारदार के साथ नरमी एवं दर्द को मिटाने में इलाज सही ढंग से किया जा रहा है। खास बात, अस्पताल के भीतर ही सभी प्रकार से मरीज को दवाइयां निशुल्क मिल रही है। अब लोगों का विश्वास सिविल अस्पताल में काफी बढ़ चुका है। एक समय था सिविल अस्पताल में ओपीडी काफी कम संख्या में होती थी। कम संख्या में लोग अस्पताल इलाज के लिए पहुंचते थे। कार्यप्रणाली तथा शासन के बदलाव से लोगों का रुझान सिविल अस्पताल की तरफ काफी बढ़ा है।
हर प्रकार की निशुल्क सुविधा तथा डॉक्टर एवं चिकित्सकों की नरमी स्वभाव से मरीज एवं लोगों का विश्वास कायम हुआ है। सफाई व्यवस्था से इस बात का कदापि अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है कि यह सरकारी अस्पताल है, लगता ऐसा है कि यह कोई निजी अस्पताल है। प्रत्येक गतिविधि को सीसीटीवी कैमरा में कैद हो जाती है। इसका नियंत्रण सीधे तौर वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पास है। बड़ी बात चिकित्सकों एवं स्टाफ के मन में अब अपने वरिष्ठ अधिकारी के निर्देश का भयं भी है। क्योंकि, उन्होंने साफ तौर पर कह रखा है कि किसी प्रकार से काम में कोताही नहीं बरती जाएगी। ऐसा कोई मामला सामने आया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। सिफारिशी लोगों की अब कोई सिफारिश नहीं चलती है। हर किसी का काम पहल के आधार पर किया जा रहा है। चिकित्सक एवं डॉक्टर स्टाफ की कमी कहीं न कहीं कार्यप्रणाली में प्रतिकूल असर तो डाल रही है , लेकिन इनके जज्बे के समक्ष चुनौती अपने आप कम होती जा रही है।
यह सुविधा जो निशुल्क है,आप सबके लिए जानना अति जरूरी
1) गर्भवती महिलाएं तथा 14 वर्ष तक बच्चों को चिकित्सा से संबंधित इलाज एवं दवा बिल्कुल निशुल्क।
2) प्रत्येक मरीज को चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवा अस्पताल के भीतर दवा बिल्कुल निशुल्क।
3) बाजार से कम दाम पर सरकारी अस्पताल में टेस्ट उपलब्ध।
4) कोविड-19 वैक्सीनेशन एवं सैंपलिंग बिल्कुल निशुल्क। इतना ही नहीं वैक्सीनेशन लगने के उपरांत आधा घंटा आराम के लिए अलग कमरे का इंतजाम।
5) आय़ुष्मान स्कीम के तहत इलाज एवं आप्रेशन की सुविधा 24 घंटा तत्काल।
इस बात का है टोटा
जलियांवाला बाग स्मारक सिविल अस्पताल में लंबे समय से चिकित्सक एवं स्टाफ की काफी कमी पाई जा रही है। इनमें चमड़ी विभाग, गायनोकॉलोजिस्ट, छाती रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजी, सुरक्षाकर्मी, कंप्यूटर आपरेटर, दर्जा चार श्रेणी स्टाफ में काफी टोटा चल रहा है। कई प्रकार की समस्या है। लेकिन इन समस्याओं को नजरअंदाज कर चिकित्सक एवं स्टाफ अपने कार्य में निरंतर डटा हुआ है।
यह सुविधा हाईटेक तरीके से लैस,बाजार से मिल रही सस्ती
पब्लिक प्राइवेट पार्टनर सुविधा हाईटेक तरीके से लैस है। यह सुविधा लोगों को बाजार से कम दाम पर अस्पताल में प्रदान हो रही है। मतलब अस्पताल में एक टेस्ट कंपनी ने सरकार के संयुक्त समझौता कर एक मेडिकल यूनिट लगाया है। इसमें एमआरआई, सिटी स्कैन से लेकर हर अत्याधुनिक तरीके से परीक्षण होता है। खास बात, प्रत्येक टेस्ट का दाम बाजार से 50 फीसद कम है। सफाई तथा मरीज के बैठने के लिए हर सुविधा का प्रबंध है।
वन स्टॉप सेंटर
एक छत की नीचे पीड़ित महिला को कानूनी एवं चिकित्सक सुविधा मिलती है। इस टीम में एक चिकित्सक तथा एक अधिवक्ता होता है। वैसे तो इस प्रकार के केंद्र पूरे भारत में स्थापित किए गए। जबकि, पंजाब के जिला अमृतसर के सिविल अस्पताल में विशेष टीम की तैनाती खासा चर्चा का विषय है। बताया जाता है कि इस सेंटर में पीड़ित महिला को हर सुविधा निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है।
कायाकल्प परियोजना में सिविल अस्पताल प्रथम
केंद्र सरकार की स्वास्थ्य संबंधी परियोजना कायाकल्प (वर्ष 2022) में जलियांवाला बाग शहीद स्मारक सिविल अस्पताल रैंकिंग के हिसाब से पूरे प्रांत में प्रथम स्थान पर रहा। केंद्र की तरफ से उसे 10 लाख रुपए नकद इनाम तथा सर्टिफिकेट से नवाजा गया। 2 लाख रुपए इनाम की राशि मिल चुकी है। शेष मिलना बाकी है। दावा किया जा रहा है कि इस राशि को विकास तथा स्टाफ में वितरित किया जाना है।
काम को प्राथमिकता
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) राजू चौहान ने बताया कि उनकी हर काम को प्राथमिकता दी जाती है। समय पर कार्य को निपटा लिया जाता है। गलत काम को बिल्कुल ही नहीं सहन किया जाता है। स्टाफ को अनुशासन में रहने के लिए बोला गया है। हर काम सही ढंग से चल रहा है। प्रतिदिन ओपीडी में इजाफा भी हो रहा है। हर मरीज का इलाज तथा उन्हें दवा बिल्कुल निशुल्क दी जा रही है। बाजार की दवा कोई डॉक्टर नहीं लिखकर देता है।
स्टाफ की कमी को लेकर लिखा पत्र
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी (एसएमओ) डॉक्टर चंद्र मोहन ने बताया कि वैसे तो अस्पताल में काम सब बिल्कुल ठीक तथा नियमित तरीके से चल रहा है। स्टाफ तथा चिकित्सक स्टाफ को खास तौर पर बोला गया है कि अनुशासन में रह कर काम किया जाए। प्रत्येक मरीज का प्राथमिकता से इलाज किया जाए। स्टाफ की कमी तो जरुर है। इसके लिए चंडीगढ़ कार्यालय लिख कर दिया गया है। दावा किया कि जल्द ही स्टाफ की कमी दूर हो जाएगी।